15.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

झारखंड में आजादी के 20 साल बाद शुरू हुई सिंचाई परियोजनाएं अब भी अधूरी

झारखंड के किसानों को खेती की चिंता सता रही है. आधे से अधिक राज्य में सूखे की स्थिति है. असल में आजादी के 15 से लेकर 20 साल बाद भी झारखंड वाले इलाके में शुरू की गयी सिंचाई परियोजनाएं लंबित हैं. कई परियोजनाओं का काम तो आधा भी पूरा नहीं हो पाया है.

मनोज सिंह

Jharkhand Irrigation Projects : झारखंड के किसानों को खेती की चिंता सता रही है. आधे से अधिक राज्य में सूखे की स्थिति है. किसान चिंता में हैं कि आनेवाले समय में उनको भोजन कैसे मिलेगा. खेतिहर मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. अभी से पलायन की स्थिति बन रही है. असल में झारखंड के किसानों की खेती आज भी भगवान के भरोसे है. आजाद भारत के 75 साल बाद भी राज्य के आधे खेत में सिंचाई का पानी नहीं पहुंचा है. जल संसाधन विभाग का दावा है कि करीब 10 लाख हेक्टेयर जमीन में सिंचाई की सुविधा हो गयी है, जबकि राज्य में खेती योग्य करीब 29.74 लाख हेक्टेयर जमीन है. असल में आजादी के 15 से लेकर 20 साल बाद भी झारखंड वाले इलाके में शुरू की गयी सिंचाई परियोजनाएं लंबित हैं. कई परियोजनाओं का काम तो आधा भी पूरा नहीं हो पाया है.

31 परियोजना हैं झारखंड में

झारखंड में कुल 31 सिंचाई परियोजना है. इसमें नौ वृहद सिंचाई परियोजना है. इसमें एक सिंचाई परियोजना एआइबीपी के तहत आ गया है. इसमें केंद्र सरकार मदद कर रही है. आठ परियोजना राज्य योजना से संचालित है. 16 योजनाएं राज्य योजना के तहत मध्य सिंचाई परियोजनाएं हैं. नौ सिंचाई परियोजनाएं बंद हो गयी है. जन विरोध के कारण इन परियोजनाओं को सरकार ने बंद कर दिया है.

सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना

सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के लिए अब भारत सरकार 90 फीसदी राशि दे रही है. इससे 10465 हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता विकसित हो सकती है. 1978 में इस योजना की 128.99 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिली थी. समय पर निर्माण कार्य नहीं होने के कारण अब तक 12849.46 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है. इस योजना का खर्च छह बार पुनरीक्षित हो चुका है. केंद्र सरकार इसमें अब तक 1889.61 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में दे चुका है.

कोनार परियोजना

इसी तरह कोनार परियोजना की शुरुआत 1975 में हुई थी. इसकी शुरुआती प्रशासनिक स्वीकृति 11.43 करोड़ रुपये की थी. समय पर योजना पूरी नहीं होने के कारण अब तक 2176.25 रुपये खर्च करने की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है. इस पर अब तक करीब 500 करोड़ रुपये खर्च हो चुका है.

गुमानी बराज योजना

गुमानी बराज योजना की शुरुआत 1976 में हुई थी. इसकी शुरुआती प्रशासनिक स्वीकृति 3.83 करोड़ रुपये की थी. समय पर पूरा नहीं होने के कारण यह योजना 361.35 करोड़ रुपये की हो गयी है. राज्य में करीब आधा दर्जन से अधिक परियोजनाएं ऐसी हैं, जो आजादी के 20-25 साल बाद झारखंड वाले इलाके में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गयी थी. वह आज तक पूरी नहीं हो पायी है. 1969 में शुरु हुई कनहर परियोजना भी आज तक लंबित है. यह योजना अब नये रूप में अानेवाली है.

पलामू में पड़े अकाल के बाद शुरू हुई योजना आज भी लंबित

सिंचाई परियोजना को लेकर संघर्ष करने वाले पूर्व विधायक हेमेंद्र प्रताप देहाती कहते हैं कि 1968 में पलामू प्रमंडल में अकाल पड़ा था. उस वक्त घर-घर जाकर इसकी जानकारी ले रहे थे. देखा था, कैसे लोग पानी के लिए तड़प रहे थे. 1969 में विधायक बन गये. आंदोलन करने के बाद कनहर परियोजना अस्तित्व में आया था. आज यह परियोजना लंबित हो गयी है. अब लाेग इसका स्वरूप बदलने की कोशिश कर रहे हैं. पहले यह योजना एक हजार करोड़ रुपये की थी. अब लोगों को पाइप लाइन से खेती योग्य पानी देने की तैयारी है. यह गलत है.

परियोजनाओं का हाल

सिंचाई योजना शुरू हुई खर्च सिंचाई क्षमता (पूरी होने पर)

सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना 1978 6639.56 10465 हेक्टेयर

कोनार सिंचाई परियोजना 1975 498.65 54435 हेक्टेयर

पुनासी जलाशय परियोजना 182 506.02 22089 हेक्टेयर

गुमानी बराज परियोजना 1976 180.0 16194 हेक्टेयर

अमानत बराज परियोजना 1974 317.60 26990 हेक्टेयर

उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना 1970 102.97 22104 हेक्टेयर

रामरेखा जलाशय योजना 1987 50.48 4405 हेक्टेयर

नकटी जलाशय योजना 1983 29.92 …

बटाने जलाशय योजना 1975 234.08 2360 हेक्टेयर

(खर्च : करोड़ रुपये में)

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel