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Hemant Soren Disqualified: राज्यपाल की अनुशंसा की सूचना के बाद ट्विटर पर हमलावर हुए हेमंत सोरेन

राज्यपाल रमेश बैस की ओर से सीएम हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की फैसले की जानकारी चुनाव आयोग भेजे जाने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ट्विटर पर हमलावर हो गये. शाम छह से उनके ट्विटर हैंडल से लगातार ट्वीट होकर अपने कार्यों को जनता के बीच रखा.

Hemant Soren Disqualified: राज्यपाल द्वारा सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा चुनाव अायोग को भेजे जाने की खबर के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ट्विटर पर हमलावर दिखे. शाम 6.11 बजे से उनके ट्विटर हैंडल से लगातार ट्वीट हो रहा था. हालांकि आरंभ में यह ट्वीट नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को लेकर किया गया था. इसके बाद सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाते हुए ट्वीट होने लगा. मुख्यमंत्री केंद्र सरकार से लेकर पीएम के ऊपर भी हमलावर दिखे.

ट्वीट दर ट्वीट

6.45 बजे : बरसों से संघर्षरत फायरिंग रेंज के विरोध में जो आप लोगों ने तकलीफ झेली, जो वक्त गुजारा. उस एहसास को, उस तकलीफ में हमारे आदरणीय गुरुजी ने भी अपना योगदान दिया था. दमनकारी सरकारों की नीतियों के खिलाफ विरोध करने का जज्बा कायम रहे इसलिए आज बात की शुरुआत मैंने श्रद्धांजलि रख कर की.

6.50 बजे : हमारा राज्य में ऐसी कई जगह है जहां पहले किसी सरकार की नजरें नहीं जाती थी, न उनकी आवाज जाती थी. मैं यह नहीं कहता कि मेरे पास जादू की छड़ी है जिससे सब कुछ बदल दूंगा. लेकिन, आपने एहसास किया होगा कि सरकार आपके द्वार के माध्यम से सभी पदाधिकारियों को आपके दरवाजे तक पहुंचाया गया.

7.00 बजे : नेतरहाट की इस जमीन पर आदरणीय दिशोम गुरुजी ने पैर रखा था और आंदोलन में योगदान दिया था. मैंने प्रण लिया था कि जनता का आशीर्वाद मिलेगा, तो मैं आंदोलन को अंजाम तक जरूर पहुंचाऊंगा. इस समस्या को जड़ से खत्म करूंगा. इस आंदोलन से जुड़े जितने भी केस हैं वह सारे केस भी सरकार वापस लेगी.

7.12 बजे : हमारे विरोधी राजनैतिक तौर पर हमसे सक नहीं पा रहे हैं, तो संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं. लेकिन हमें इसकी चिंता नहीं है. हमें यह कुर्सी विरोधियों ने नहीं बल्कि जनता ने दी है.आज का कार्यक्रम मेरा पहले से तय था. यह कुछ कर लें. मेरी जनता के लिए मेरा काम कभी नहीं रुक सकता.

7.21 बजे : सरकारी कुर्सी के भूखा हम लोग नहीं है बस एक संवैधानिक व्यवस्था की वजह से आज हमें रहना पड़ता है क्योंकि उसी के माध्यम से हम जन-कल्याण के काम करते हैं.क्या कभी किसी ने सोचा था कि हर बूढ़ा-बुजुर्ग, विधवा और एकल महिला को पेंशन मिलेगा?आपके बेटा ने आपके आशीर्वाद से वह करके दिखाया.

7.27 बजे : हमने केंद्र सरकार से आग्रह किया झारखंड गरीब राज्य है यहां के लोगों के लिए पेंशन और स्वीकृत करें. वह उन्होंने कभी नहीं किया. यह व्यापारियों की जमात है. यह पैसा देना नहीं, पैसा लेना जानती है.देश में झारखंड पहला राज्य है जिसने सभी गरीब-वंचित को सर्वजन पेंशन से जोड़ने का काम किया.

7.41 बजे : झारखंड के अंदर बाहरी ताकतों का गिरोह सक्रिय है. इस गिरोह ने विगत 20 वर्षों से राज्य को तहस-नहस करने का संकल्प लिया था. जब उन्हें 2019 में उखाड़ कर फेंका गया तो उन षड्यंत्रकारियों को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा कि अगर हम यहां टिक गए तो उनका आने वाला समय मुश्किल भरा होने वाला है.

7.50 बजे : दुर्भाग्य है हमारा, हम आदिवासियों का कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री एवं आदिवासी राष्ट्रपति ने देश के आदिवासी समाज को शुभकामना संदेश देना भी उचित नहीं समझा.इनकी नजर में हम आदिवासी नहीं, वनवासी हैं.

7.55 बजे : यह आदिवासी का बेटा है. इनकी चाल से हमारा न कभी रास्ता रुका है, न हम लोग कभी इन लोगों से डरे हैं. हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले ही हमारे मन से डर-भय को निकाल दिया है. हम आदिवासियों के डीएनए में डर और भय के लिए कोई जगह ही नहीं है.

8.06 बजे : केंद्र से राज्य का 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाया क्या मांगा, इन्होंने परेशान करने के लिए एजेंसियों को मेरे पीछे लगा दिया.जब इन्होंने देखा कि मुझे कुछ कर नहीं पा रहे हैं तो आदरणीय गुरुजी जो एक उम्र के पड़ाव पर खड़े हैं, उन्हें परेशान कर मुझ तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.

8.12 बजे : लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है.जो संघर्ष और राज्य के प्रति समर्पण का भाव आदरणीय गुरुजी में है, वही समर्पण भाव के साथ हम आप लोगों के बीच में हैं.हमारी ताकत आप ही हैं और आपकी इसी ताकत से हम विरोधियों से लंबी लड़ाई बड़ी मजबूती से लड़ते हैं.

8.44 बजे : संघर्ष यात्रा के दौरान जब मैं महुआडांड़ आया था उस समय कई लोगों से मेरी मुलाकात हुई. उसमें कई बुजुर्ग भी थे. वह यह देखने आये थे कि यह दिशोम गुरुजी का बेटा है और इसमें गुरुजी जैसा दम है कि नहीं. उसी दिन मैंने मन में ठान लिया था कि फायरिंग रेंज की समस्या जड़ से खत्म कर दूंगा.

Posted By: Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
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