19.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा को AJSU ने दी श्रद्धांजलि, सुदेश बोले- उनके जीवन दर्शन से हर पल सीखने की जरूरत

झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री सह आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो समेत अन्य ने पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा को श्रद्धांजलि दी गयी. इस मौके पर उन्होंने कहा कि डॉ मुंडा झारखंड की समृद्ध संस्कृति को आगे बढ़ाने और आदिवासियों की पहचान बनाए रखने के लिए अपनी अंतिम सांस तक लड़ते रहें.

Jharkhand News: झारखंडी समाज एवं संस्कृति के विकास के लिए हमेशा संघर्षरत रहनेवाले धरतीपुत्र डॉ रामदयाल मुंडा अपने आप में एक संस्था थे. उनके जीवन दर्शन से हमें हर पल सीखते रहने की जरूरत है. पद्मश्री डॉ मुंडा झारखंड की समृद्ध संस्कृति को आगे बढ़ाने और आदिवासियों की पहचान बनाए रखने के लिए अपनी अंतिम सांस तक लड़ते रहें. ये बातें झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री सह आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने रांची के मोरहाबादी स्थित डॉ रामदयाल मुंडा पार्क में स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही.

कमेटी ऑन झारखंड मैटर के प्रमुख सदस्य थे डॉ मुंडा

आजसू सुप्रीमो ने कहा कि पद्मश्री डॉ मुंडा का व्यक्तित्व विराट था. उन्होंने अपनी मेहनत, समर्पण, त्याग और काबिलियत से अपनी अंतरराष्ट्रीय पहचान बनायी. डॉ मुंडा भारत सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी ऑन झारखंड मैटर के प्रमुख सदस्य थे. उन्हीं के प्रयास से रांची यूनिवर्सिटी में आदिवासी और क्षेत्रीय भाषा विभाग की स्थापना हुई. डॉ मुंडा के प्रयास से ही UNO में लंबी बहस के बाद हर साल नौ अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित हुआ.

डॉ रामदयाल मुंडा अपने आप में एक किताब : गुंजल इकीर मुंडा

इस दौरान पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा के पुत्र एवं सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गुंजल इकीर मुंडा भी मौजूद रहें. डॉ मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन करते हुए गुंजल ने कहा कि डॉ रामदयाल मुंडा अपने आप में एक किताब थे और उस किताब का हर पन्ना झारखंड की माटी की सौंधी खुशबू बिखेरता है. इस दौरान डॉ रामदयाल मुंडा की पत्नी प्रोफेसर अमिता मुंडा भी मौजूद थी.

Also Read: Special Story: गृहमंत्री ने डॉ रामदयाल मुंडा से ही मंगवायी थी झारखंड पर रिपोर्ट

डॉ मुंडा का बौद्धिक विचार युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत

डॉ रामदयाल मुंडा की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आजसू पार्टी के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने कहा कि डॉ मुंडा भारत के दलित, आदिवासी एवं दबे-कुचले समाज के स्वाभिमान थे. रांची जिले के एक साधारण गांव से निकलकर देश-दुनिया में उन्होंने झारखंड का मान बढ़ाया. झारखंड आंदोलन के दौरान उनके बौद्धिक विचार युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बना रहा.

Posted By: Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel