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Diwali 2021: दूधिया रोशनी से जगमग हुआ मां छिन्नमस्तिके का दरबार, आज जुटेंगे देशभर के तांत्रिक

दीपावली और काली पूजा को लेकर रजरप्पा का मां छिन्नमस्तिके मंदिर जगमग हो उठा है. गुरुवार को देशभर के तांत्रिक, साधक और श्रद्धालुओं को जुटान होगा. इस दौरान पूरी रात मां छिन्नमस्तके का विशेष पूजा- अर्चना होगी. मंदिर परिसर में 13 हवन कुंड भी बनाये गये हैं.

Diwali 2021 (सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार, रजरप्पा, रामगढ़) : झारखंड के रामगढ़ जिला अंतर्गत रजरप्पा मंदिर को दीपावली और काली पूजा के उपलक्ष्य पर आकर्षक विद्युत सज्जा से सजाया गया है. जिस कारण मां छिन्नमस्तिके देवी का दरबार रंग-बिरंगी लाइटों से जगमग हो उठा है. मंदिर परिसर दूधिया रोशनी से नहा रहा है. वहीं, काली पूजा के मौके पर गुरुवार को देशभर के तांत्रिक, साधक व श्रद्धालुओं का जुटान रजरप्पा मंदिर में होगा. पूरी रात मां छिन्नमस्तिके की पूजा होगी.

जानकारी के अनुसार, मां छिन्नमस्तिके मंदिर को कोलकाता के कारीगरों द्वारा रंग-रोगन किया गया है. वहीं, बोकारो जिला अंतर्गत जैना मोड़ के विद्युत लाइट से आकर्षक रूप से सजाया गया है. काली पूजा को लेकर मंदिर न्यास समिति द्वारा तैयारी पूरी कर ली गयी है. दूर-दराज के श्रद्धालु, साधक और तांत्रिक अभी से ही रजरप्पा मंदिर पहुंचने लगे हैं.

काली पूजा के दिन अमावस्या की रात मंदिर परिसर के 13 हवन कुंडों के अलावे विभिन्न जगहों में मंत्रोच्चारण, हवन, जाप और पाठ के साथ तंत्र-मंत्र की सिद्धि प्राप्त करेंगे. इस दिन रात भर भक्तों द्वारा मां छिन्नमस्तिके देवी की पूजा-अर्चना की जायेगी. मंदिर परिसर में भव्य भंडारा का भी आयोजन होगा, जिसमें लोगों के बीच महाप्रसाद और भोग का वितरण किया जायेगा. काली पूजा को लेकर क्षेत्र के लोगों में खासा उत्साह है.

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गुरुवार को जुटेंगे देशभर के तांत्रिक, साधक व श्रद्धालु

वहीं, दूसरी ओर देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ स्थल रजरप्पा मंदिर में गुरुवार को कार्तिक अमावस्या की रात देश भर के तांत्रिक, साधक व श्रद्धालु जुटेंगे. इस दिन पूरी रात मां छिन्नमस्तिके देवी की पूजा-अर्चना की जायेगी. वहीं, तंत्र- मंत्र की सिद्धि के लिए झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िसा, छत्तीसगढ़, यूपी, असम सहित कई राज्यों से तांत्रिक, साधक व श्रद्धालु गुप्त रूप से और कई खुले आसमान के नीचे साधना में लीन रहेंगे.

यहां अमावस्या की रात्रि भक्त मां छिन्नमस्तिके मंदिर और दक्षिणेश्वरी काली मंदिर में रातभर पूजा-अर्चना करेंगे. साथ ही मंदिर परिसर के 13 हवन कुंडों के अलावे भैरवी-दामोदर संगम स्थल के एकांतवास में हवन, जाप और पाठ करेंगे. मान्यता है कि मां छिन्नमस्तिके मंदिर में शक्ति का एहसास होता है. सच्चे मन से साधना करने से माता के दिव्य रूप का दर्शन आसानी से हो सकता है.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
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