Nitish Kumar Bihar CM : कल्याणबीघा का ‘मुन्ना’ यानी नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. इस शपथ के साथ ही नीतीश कुमार पूरे देश में रिकॉर्ड बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले राजनेता बन गए हैं. यह तो बात हुई रिकॉर्ड की, लेकिन नीतीश कुमार बिहार के ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें लेकर स्वीकार्यता जनता में तो है ही, राजनीतिक दल भी एकमत हो जाते हैं. आखिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में ऐसी क्या बात है?
हर गठबंधन में फिट कैसे हो जाते हैं नीतीश कुमार?

नीतीश कुमार की खासियत यह है कि वे बिहार की राजनीति की जरूरत बन गए हैं. वे हर गठबंधन में रहकर सरकार चला चुके हैं और किसी भी सरकार में उनकी ईमानदारी और विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठे हैं. नीतीश कुमार इस तरह की राजनीति करते हैं कि वो हर खांचे में फिट हैं. उन्होंने प्रदेश के विकास का मॉडल तैयार किया है, जिसपर जनता का भरोसा है. यह भरोसा इतना पुख्ता है कि सरकार में चाहे वो किसी भी गठबंधन के साथ हों,सीएम की कुर्सी उनके लिए सुरक्षित रखती है. नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ भी सरकार चलाई है और एनडीए के साथ भी, लेकिन उनकी नीतियां नहीं बदलती हैं.
| # | मुख्यमंत्री | राज्य | मुख्यमंत्री पद की शपथ | कुल मुख्यमंत्री कार्यकाल (लगभग) |
|---|---|---|---|---|
| 1 | नीतीश कुमार | बिहार | 10 बार | लगभग 19 साल (2000, 2005–2014, 2015–2020, 2020–2025, 2025– ) |
| 2 | पवन कुमार चामलिंग | सिक्किम | 5 बार | लगभग 24 साल (1994–2019) |
| 3 | नवीन पटनायक | ओडिशा | 5 बार | लगभग 24 साल (2000–2024) |
| 4 | ज्योति बसु | पश्चिम बंगाल | 5 बार | लगभग 23 साल (1977–2000) |
| 5 | वीरभद्र सिंह | हिमाचल प्रदेश | 6 बार (विभिन्न कार्यकाल) | लगभग 21 साल (विभिन्न कार्यकालों में) |
क्या है ‘नीतीश मॉडल’ जो उन्हें बनाता है ऑल टाइम फेवरेट?
नीतीश कुमार की सबसे बड़ी खूबी है उनकी स्वच्छ और स्वस्थ छवि. इस वजह से जनता उन्हें पसंद करती है. बात अगर उनके कार्यों की करें, तो हमें यह समझना होगा कि उन्होंने जब सत्ता संभाली थी, तब बिहार की क्या स्थिति थी. इसकी वजह यह है कि उस स्थिति ने भी नीतीश कुमार को ऑल टाइम फेवरेट बनाने में अहम भूमिका निभाई है. 1990 का दौर बिहार में जंगल राज का पर्याय था. प्रदेश का विकास रूका पड़ा था और अपराध, अव्यवस्था और जातीय संघर्ष का दौर जारी था. कमजोर प्रशासन में जनता का दम घुट रहा था. ऐसे में जनता के सामने उम्मीद की किरण बनकर उभरे नीतीश कुमार. नीतीश कुमार ने सबसे पहले अव्यवस्था को मिटाना शुरू किया और सुशासन का मॉडल पेश किया. सुशासन के इसी मॉडल ने उन्हें ‘सुशासन बाबू’ का निकनेम दिया है. उन्होंने सबसे पहले तीन चीजों पर फोकस किया.
- कानून व्यवस्था में सुधार
- इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार
- शिक्षा और समाज में सुधार
प्रभात खबर के पॉलिटिकल एडिटर मिथिलेश कुमार बताते हैं कि नीतीश कुमार अगर आज ऑल टाइम फेवरेट बन गए हैं, तो उसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि अबतक उनपर कोई सीधा आरोप नहीं लगा है. इससे उनकी छवि बहुत साफ-सुथरी और मजबूत है. उन्होंने शराबबंदी, महिला आरक्षण, स्वास्थ्य सेवा में सुधार जैसे कुछ कार्य किए, जिसकी वजह से उनके खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी नहीं है. इसके साथ ही उन्हें बिहार में मौजूद जंगलराज के परसेप्शन का भी फायदा मिलता है. आम जनता जंगलराज की यादों से इतना डरी हुई है कि वो बिलकुल भी नहीं चाहती है कि उन्हें वह दौर दोबारा देखना पड़े. नीतीश कुमार ने सुशासन की मिसाल कायम की है, इसलिए जनता उनके साथ है. सड़क, अस्पताल, आरक्षण, योजनाओं का लाभ ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्होंने नीतीश को शासन में बनाए रखा है.
राजनीतिक दल भी नीतीश कुमार के नाम पर कैसे हो जाते हैं एकमत?

नीतीश कुमार पहली बार 2000 में 7 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने थे. उस वक्त वे एनडीए के साथ थे और एनडीए को 151 सीटें मिलीं थीं, जबकि लालू यादव को 159 सीटें. दोनों ही गठबंधन के पास बहुमत नहीं था. उस वक्त बिहार और झारखंड एक राज्य थे. बहुमत नहीं जुटा पाने के बाद नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफा सौंप दिया था. उसके बाद वे 2005 में फिर मुख्यमंत्री बने और गठबंधन एनडीए का ही था, लेकिन 2015 में वो महागठबंधन के साथ रहे. 2022 में भी वो महागठबंधन के साथ थे. सफर और लंबा है, लेकिन कुल सार यह है कि दोनों गठबंधन ने उन्हें स्वीकार किया.
| वर्ष / अवधि | राजनीतिक गठबंधन | क्या हुआ / स्थिति |
|---|---|---|
| 2000 (पहला कार्यकाल) | NDA (BJP–JD(U)) | पहली बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन बहुमत साबित न कर पाने के कारण सिर्फ 7 दिन में इस्तीफ़ा देना पड़ा |
| 2005 | NDA | बहुमत के साथ पहली बार स्थायी मुख्यमंत्री बने |
| 2010–2013 | NDA | NDA के साथ दूसरा लगातार कार्यकाल; मोदी के PM चेहरे को लेकर मतभेद बढ़ने लगे |
| 2013 | NDA से अलग | JD(U) ने मोदी की घोषणा का विरोध करते हुए NDA छोड़ा |
| 2015 | महागठबंधन (RJD–Congress–JD(U)) | RJD–Congress के साथ भारी जीत; महागठबंधन सरकार बनी |
| 2017 | फिर NDA में वापसी | तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार मामले के बाद महागठबंधन तोड़ा और BJP–NDA में लौट आए |
| 2022 | फिर महागठबंधन में वापसी | BJP पर पार्टी तोड़ने की कोशिश का आरोप लगाते हुए NDA छोड़ा और RJD–Congress–Left के साथ नई सरकार बनाई |
| 2024–25 | फिर NDA में वापसी | महागठबंधन से फिर नाराज़ होकर BJP–NDA में लौटे और 10वीं बार मुख्यमंत्री बने |
मिथिलेश कुमार बताते हैं कि राजनीतिक दलों में उनकी स्वीकार्यता सबसे अधिक उनकी छवि को लेकर है. वे एक विजन वाले नेता है, जो प्रदेश को सुशासन और विकास दे सकते हैं. जनता के बीच उनकी अच्छी स्वीकार्यता है, जिसकी वजह से राजनीतिक दल भी उन्हें अपने साथ रखना चाहते हैं. इसके साथ ही उनके साथ कुर्मी और धानुक जाति का जो वोटबैंक है, वो उसी तरह जाता है जहां नीतीश होते हैं. यह भी एक बड़ी वजह है कि राजनेता नीतीश कुमार के नाम पर एकमत हो जाते हैं. महागठबंधन में लालू यादव को एक और फायदा नीतीश कुमार की वजह से होता है, वो यह है कि लालू यादव बिहार की राजनीति में अपने बेटों को अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं. लालू के बेटे जब नीतीश कुमार के साथ होते हैं, तो उनके बीच उम्र का जो फासला है, वो उन्हें राजनीति की अच्छी स्कूलिंग देता है. नीतीश कुमार एक मैच्योर नेता हैं, बस इस वजह से भी लालू यादव, नीतीश के साथ जोड़ी बना लेते हैं.
विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर और विशेष आलेख पढ़ने के लिए क्लिक करें
क्या नीतीश कुमार का कार्यकाल मुख्यमंत्री के रूप में देश में सबसे अधिक है?
नहीं. नीतीश कुमार 10 बार शपथ भले लिए हैं, लेकिन उनका कार्यकाल 19 साल और कुछ महीनों का ही है. देश में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हैं. इन दोनों ने 24 साल तक मुख्यमंत्री पद को संभाला है.
नीतीश कुमार की पत्नी का क्या नाम था?
नीतीश कुमार की पत्नी का नाम मंजू सिन्हा था. उनकी मौत 2007 में हो गई है.
नीतीश कुमार के कितने बच्चे हैं?
नीतीश कुमार का एक बेटा है. उनका नाम निशांत कुमार है.
क्या नीतीश कुमार इंजीनियर थे?
हां नीतीश कुमार इंजीनियर थे और उन्होंने एनआईटी पहना से पढ़ाई की है.
नीतीश कुमार अभी किस पार्टी में हैं?
नीतीश कुमार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. पहले वे समता पार्टी में रहे हैं, जिसकी स्थापना उन्होंने जाॅर्ज फर्नांडिस के साथ की थी.
ये भी पढ़ें : कौन था जयचंद, इतिहास में उसने ऐसा क्या किया कि बन गया गद्दार?
Mughal Empire : पलामू के चेरो राजाओं को मुसलमान बनाना चाहता था औरंगजेब, सेना भेजकर किले को रौंदा

