25.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

काशी की गंदगी से महात्मा गांधी भी हुए थे दुखी, 105 सालों के बाद बदलने वाली है शिव नगरी की तसवीर

महात्मा गांधी ने कहा था कि अगर हमारे काशी मंदिरों की हालत आदर्श नहीं हैं तो फिर अपने स्व-शासन के मॉडल को हम कैसे गलतियों से बचा पाएंगे?

Undefined
काशी की गंदगी से महात्मा गांधी भी हुए थे दुखी, 105 सालों के बाद बदलने वाली है शिव नगरी की तसवीर 9

Kashi Vishwanath Corridor: दुनियाभर के लिए काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर स्वच्छता की आदर्श छवि पेश करने जा रहा है. अब, काशी आने वाले भक्तों को बाबा विश्वनाथ धाम की तसवीर देखने को मिलेगी. काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर महात्मा गांधी ने भी अपने अनुभव साझा किए थे.

Undefined
काशी की गंदगी से महात्मा गांधी भी हुए थे दुखी, 105 सालों के बाद बदलने वाली है शिव नगरी की तसवीर 10

बीएचयू में अपने संबोधन में महात्मा गांधी ने कहा था कि इस महान मंदिर में कोई अजनबी आए तो हिंदुओं के बारे में उसकी क्या सोच होगी और तब जब वो हमारी निंदा करेगा, क्या वो जायज नहीं होगा? क्या इस मंदिर की हालत हमारे चरित्र को प्रतिबिंबित नहीं करता? एक हिंदू होने के नाते मैं जो महसूस करता हूं, वही कह रहा हूं.

Undefined
काशी की गंदगी से महात्मा गांधी भी हुए थे दुखी, 105 सालों के बाद बदलने वाली है शिव नगरी की तसवीर 11

महात्मा गांधी ने कहा था कि अगर हमारे मंदिरों की हालत आदर्श नहीं हैं तो फिर अपने स्व-शासन के मॉडल को हम कैसे गलतियों से बचा पाएंगे? जब अपनी खुशी से या बाध्य होकर अंग्रेज यहां से चले जाएंगे तो इसकी क्या गारंटी है कि हमारे मंदिर एकाएक पवित्रता, स्वच्छता और शांति के प्रतिरूप बन जाएंगे?

Undefined
काशी की गंदगी से महात्मा गांधी भी हुए थे दुखी, 105 सालों के बाद बदलने वाली है शिव नगरी की तसवीर 12

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पीड़ा को पीएम नरेंद्र मोदी ने समाप्त करने का काम किया है. काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर की एक अलौकिक छवि हमारे पर्यटकों के मन मस्तिष्क में स्थापित होगी. काशी को धर्म और आध्यात्म की नगरी कहा जाता है. यहां आने वाले लोगों में काशी की पहचान एक धार्मिक दृश्य के रूप में बनी है.

Undefined
काशी की गंदगी से महात्मा गांधी भी हुए थे दुखी, 105 सालों के बाद बदलने वाली है शिव नगरी की तसवीर 13

काशी जैसी भव्य जगह में गंदगी और अव्यवस्था का अंबार देखकर मन खिन्न होना स्वभाविक है. इसी पीड़ा को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने उद्बोधन में व्यक्त किया था. महात्मा गांधी को 4 फरवरी 1916 को बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करना था.

Undefined
काशी की गंदगी से महात्मा गांधी भी हुए थे दुखी, 105 सालों के बाद बदलने वाली है शिव नगरी की तसवीर 14

एक दिन पहले महात्मा गांधी काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करने गए थे. इससे पहले 1903 में भी वो काशी विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए आए थे.

Undefined
काशी की गंदगी से महात्मा गांधी भी हुए थे दुखी, 105 सालों के बाद बदलने वाली है शिव नगरी की तसवीर 15

13 साल बाद भी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र की तंग गलियों में गंदगी देख वो बुरी तरह नाराज हुए थे. बापू की नाराजगी अगले दिन बीएचयू में सार्वजनिक हुई थी. काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के साथ ही 105 साल पहले महात्मा गांधी की नाराजगी दूर होने जा रही है.

Undefined
काशी की गंदगी से महात्मा गांधी भी हुए थे दुखी, 105 सालों के बाद बदलने वाली है शिव नगरी की तसवीर 16

54,000 वर्गफीट क्षेत्रफल में बनाए गए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के साफ-सफाई की अत्याधुनिक व्यवस्था की गई है. इस वजह से धाम क्षेत्र और उसके आसपास दूर-दूर तक गंदगी का नहीं होगी.

(रिपोर्ट:- विपिन सिंह, वाराणसी)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें