Sarkari Naukri : बिहार में वर्ष 2014 का विज्ञापित इंटर स्तरीय एसएससी परीक्षा को जारी रखने का निर्देश देते हुए हाई कोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के फैसले पर रोक लगा दिया. यह परीक्षा आगामी 13 तारीख से शुरू होने वाली है. खण्डपीठ ने आयोग को कहा कि परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी बाद में नियुक्ति का दावा नही करेंगे. उनका भविष्य इस मामले का अंतिम फैसले और उसके फलाफल पर निर्भर करेगा.
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायमूर्ति एस कुमार की खण्डपीठ ने बिहार राज्य एसएससी की एलपीए अपील पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिए. आयोग की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर व सत्यवीर भारती ने बहस करते हुए कोर्ट से गुहार लगाया कि एकलपीठ के फैसले से इस परीक्षा के पीटी रिज़ल्ट पर नए सिरे से काम करना होगा. नतीजतन आगामी 13 दिसम्बर को होने वाली मुख्य परीक्षा पर ग्रहण लग गया है.
मालूम हो कि इस परीक्षा का विज्ञापनवर्ष 2014 में ही निकाला गया था , और 6 साल बीत जाने पर भी भर्ती प्राक्रिया पूरी नही हो सकी है. जनहित में मुख्य परीक्षा को और लंबे समय तक और नही टाला जाना चाहिए. हाई कोर्ट ने इस दलील को मंज़ूर करते हुए एकलपीठ के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दिया तथा आगामी 13 दिसम्बर को होने वाली परीक्षा को जारी रखने का निर्देश दिया.
खंडपीठ ने एकलपीठ के समक्ष उपस्थित हुए रिट याचिकाकर्ताओं के वकील कुमार कौशिक को भी इस अपील की नोटिस देते का निर्देश दिया है तथा उन्हें यह छूट दी है कि वे एक हफ्ते में रिट याचिकाकर्ताओं का पक्ष खंडपीठ के समक्ष रखें. इसके साथ ही कोर्ट ने आयोग को भी निर्देश दिया कि वे आगामी परीक्षा से पहले इस बात की सूचना प्रकाशित करें कि मेंस परीक्षा में शामिल होने वाला कोई भी अभ्यार्थी बाद में अपना हक या न्यायोचित हित का दावा नही करेंगा. उन सभी का भविष्य इस अपील में पारित हाई कोर्ट के फैसले व उसके फलाफल पर निर्भर होगा.
विदित हो कि 1 दिसम्बर को न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ ने बिहार एसएससी के परीक्षा संचालन में पारदर्शिता की कमी पर कड़ी टिपण्णी करते हुए पूरे पीटी रिज़ल्ट पर आपत्ति आमंत्रित कर रिज़ल्ट को रिवाइज करने का निर्देश देते हुए 10 बिंदुओं परआयोग को दिशा निर्देश जारी किया था. एकलपीठ ने कहा था कि एसएससी का गलतियां करने का एक लगातार “ट्रैक रिकार्ड है “.
Posted By : Avinish Kumar Mishra