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नीतीश कुमार का तमिलनाडु दौरा क्यों हुआ रद्द? समारोह में तमिल में पढ़ा गया सीएम नीतीश का भाषण

तमिलनाडु के पूर्व सीएम एम करुणानिधि के जन्म शताब्दी समारोह में स्वास्थ्य कारणों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हो पाये. उनके भाषण को समारोह में तमिल भाषा में पढ़ा गया. अपने भाषण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम विपक्षी दलों को एकजुट करना चाहते हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि अधिकतर विपक्षी दल एकजुट होकर और मिल कर चुनाव लड़ेंगे, तो अगले लोकसभा में भाजपा को सत्ता से बाहर किया जा सकेगा. मंगलवार को तमिलनाडु के पूर्व सीएम एम करुणानिधि के जन्म शताब्दी समारोह में स्वास्थ्य कारणों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हो पाये. उनके भाषण को समारोह में तमिल भाषा में पढ़ा गया. अपने भाषण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम विपक्षी दलों को एकजुट करना चाहते हैं. हमारा मानना है कि अगर अधिकांश विपक्षी दल एकजुट होंगे और मिलकर चुनाव लड़ेंगे, तो अगले लोकसभा में भाजपा को सत्ता से बाहर कर सकेंगे. थिरुवरुर में आयोजित इस समारोह में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और बिहार के जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा उपस्थित हुए.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन आ रहे पटना 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित करने के लिए मार्च में टीआर बालू और हाल में ए राजा पटना आये थे. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है. 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक आयोजित की गयी है. इसमें डीएमके के अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन भी भाग ले रहे हैं. मुख्यमंत्री ने स्व करुणानिधि के साथ अपने पूर्व के संबंधों को याद करते हुए कहा कि वे मात्र 14 वर्ष की आयु में द्रविडियन आंदोलन से जुड़ गये थे और उसके बाद लगभग आठ दशकों तक सक्रिय राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. यह उपलब्धि किसी भी राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय पार्टियों के नेता के लिए संभव नहीं है.

करुणानिधि सामाजिक न्याय एवं समानता के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे

सीएम ने कहा कि करुणानिधि तमिलनाडु में सामाजिक न्याय एवं समानता के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे. उन्होंने जीवन भर गरीब और पिछड़ों के हक की लड़ाई लड़ी और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. वे उन करोड़ों लोगों की यादों में बसते रहेंगे, जिनके जीवन में उन्होंने बदलाव लाया.

1989 में मुख्यमंत्री रहते हुये करुणानिधि ने सबसे पहले संपत्ति में महिलाओं के समानाधिकार के लिए कानून बनाया तथा सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण दिया. इसी वर्ष उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की. महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण हेतु पहली बार तमिलनाडु में स्वयं सहायता समूहों के गठन में अपनी अहम भूमिका निभायी.

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सीएम ने कहा कि करुणानिधि से उनकी अंतिम मुलाकात 2017 में उनके जन्म दिवस पर हुई थी. 1991 में जब लोकसभा में डीएमके के एक भी सांसद नहीं थे, जब भी लोकसभा में इनकी पार्टी के खिलाफ कोई बात उठती थी तो हम डीएमके के पक्ष का समर्थन करते थे.

2018 में जब करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने के लिए उपस्थित होने के दौरान हमने एम के स्टालिन के अगले मुख्यमंत्री बनने की बात कही थी. उन्होंने खुशी जतायी कि स्टालिन राज्य को बहुत अच्छे तरह से चला रहे हैं.

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बिहारी मजदूरों पर हमले की झूठी घटना की भी चर्चा की

सीएम ने कहा कि कुछ दिन पूर्व तमिलनाडु में रह रहे बिहार के मजदूरों पर हमले की झूठी घटना सामने आयी थी. फर्जी वीडियो पोस्ट किया गया था कि तमिलनाडु के स्थानीय लोगों द्वारा बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमला किया गया है. हमने तुरंत मुख्यमंत्री स्टालिन से बात की. तमिलनाडु सरकार ने तुरंत इसकी जांच की और बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा बिहारी मजदूरों की हमले की कोई बात नहीं है, ये मात्र अफवाह है. सीएम ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव और डीजीपी की भी प्रशंसा की.

सीएम कहा कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूर एवं अन्य लोग अनेक वर्षों से रह रहे हैं और तमिलनाडु के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. हमेशा यहां पर बिहारी लोगों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार रहा है.

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