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बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच के लिए EOU ने बनाई एसआईटी, टीम में 21 अधिकारी शामिल

केन्द्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) परीक्षा में हुए कदाचार एवं अनियमितताओं से संबंधित दर्ज मामलों की जांच के लिए आर्थिक अपराध इकाई के DIG मानवजीत सिंह ढ़िल्लो के सीधे नियंत्रण में एक विशेष अनुसंधान दल (SIT) का गठन किया गया है.

बिहार में 21391 सिपाही की बहाली को लेकर हुई पहले चरण की लिखित परीक्षा के पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस मुख्यालय, आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) और जिला पुलिस की संयुक्त जांच तेज हो गयी है. अब तक लीक प्रश्न पत्र के आधार पर आंसर की तैयार करने वाले कई परीक्षा माफियाओं को अलग-अलग जिलों गिरफ्तार किया गया है. साथ ही उनसे जुड़े परीक्षार्थियों की भी पड़ताल हो रही है. इस मामले में इओयू के DIG मानवजीत सिंह ढ़िल्लो के सीधे नियंत्रण में एक विशेष जांच इकाई (एसआइटी) का गठन किया गया है जो लगातार मामले की जांच में जुटी है. जल्द ही इसका खुलासा होने की संभावना है.

इओयू और पुलिस की संयुक्त एसआईटी गठित

इओयू अधिकारियों के अनुसार एसआईटी में इओयू के साथ-साथ पुलिस मुख्यालय और जिला पुलिस के तेज तर्रार अधिकारियों को रखा गया है. इस (SIT) टीम में 06 पुलिस उपाधीक्षक, 13 पुलिस निरीक्षक एवं 02 पुलिस अवर निरीक्षक के कोटि के पदाधिकारी को रखा गया है.

जिला पुलिस की मदद से जांच कर रही इओयू की अलग-अलग टीम

इओयू की अलग-अलग टीम स्थानीय जिला पुलिस की मदद से विभिन्न केसों की पड़ताल कर रही है. जिन-जिन जिलों में पेपर लीक या आंसर-की बाहर आने के मामले दर्ज किए गए हैं, उन जिलों की पुलिस भी अपने स्तर से जांच और कार्रवाई कर रही है. इसकी रिपोर्ट रोज इओयू मुख्यालय से साझा की जा रही है. इओयू के वरीय अधिकारी भी जिलों में दर्ज प्रथमीकियों का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट बना रहे हैं.

विभिन्न जिलों में 74 प्राथमिकी दर्ज

आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान द्वारा उक्त मामले में विभिन्न जिलों में दर्ज काण्डों की समीक्षा की गई. जिसमें पाया गया की अब तक सिपाही भर्ती परीक्षा में अनियमितता को लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में 74 प्राथमिकी दर्ज किए गए हैं. वहीं इस मामले में अभी तक 150 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इन सभी से पूछताछ की जा रही है. इनसे जब्त मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की भी जांच की रही है.

इन जिलों में दर्ज की गई प्राथमिकी

पुलिस मुख्यालय के अनुसार, परीक्षा में अनियमितता पर सर्वाधिक 11 प्राथमिकी सारण में दर्ज की गयी है. इसके अलावा भोजपुर में 10, भागलपुर में नौ, नालंदा में सात, नवादा में छह, सहरसा में पांच, पटना व लखीसराय में चार, रोहतास, मुंगेर व मधेपुरा में तीन-तीन, जहानाबाद व जमुई में दो-दो, अरवल, मोतिहारी, औरंगाबाद, बेगूसराय व शेखपुरा में एक-एक और सहरसा में पांच प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

परीक्षा माफियाओं ने अभ्यर्थियों को दिया था विशेष पेन और 33 गोला रंगने का निर्देश

सिपाही बहाली में अपने अभ्यर्थियों को परीक्षा माफियाओं ने विशेष पेन दिया था और मात्र 33 गोला ही रंगने का निर्देश दिया था. पुलिस को शक है कि संभवत: सेंटर मैनेज होने के कारण ऐसा करने को कहा गया था, ताकि वहां वीक्षक के रूप में मौजूद शिक्षक के बीच अपने अभ्यर्थी होने की पहचान हो सके. साथ ही उन गोलों को मिटा कर शिक्षक द्वारा ही नया आंसर भरवाया जा सके. इस बात का खुलासा दो ऑडियो से हुआ है. यह ऑडियो औरंगाबाद के परीक्षा माफिया रंजीत कुमार व एक अभ्यर्थी के अभिभावक के बीच का है. इस ऑडियो में ही विशेष पेन का जिक्र किया गया है और 33 गोला को रंगने की जानकारी दी जा रही है. हालांकि प्रभात खबर इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है.

और क्या है ऑडियो में

ऑडियो में परीक्षा माफिया रंजीत अभिभावक को यह समझा रहा है कि उसके ऊपर भी एक व्यक्ति है, जिसका नाम श्रीकांत है. साथ ही सेटिंग कराने के लिए रकम की भी डीलिंग कर रहा है. रंजीत बता रहा है कि पहले एक लाख रुपया देना है और काम पूरा होने के बाद 8.50 लाख देना है. साथ ही मैट्रिक व इंटर का मूल प्रमाणपत्र भी जमा करना है. प्रभात खबर इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है. लेकिन अगर यह ऑडियो सही है, तो फिर यह परीक्षा माफियाओं की सेटिंग का बिल्कुल नया तरीका है. इससे पहले विशेष पेन का इस्तेमाल नहीं किया गया है. एक अक्तूबर को कई अभ्यर्थियों के पास आंसर पहुंच गये और फिर परीक्षा को रद्द कर दिया गया.

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कंकड़बाग पुलिस को नालंदा, दरभंगा व गया के सेटरों के संबंध में मिली है जानकारी

कंकड़बाग थाने की पुलिस ने रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज से छह अभ्यर्थियों को आंसर के साथ पकड़ा था. इसके बाद अभ्यर्थी मनु उर्फ मोनू व रजनीश के मोबाइल फोन के आधार पर जांच शुरू की, तो मोनू के बहनोई व सिपाही कमलेश को गिरफ्तार कर लिया गया. यह जानकारी मिली कि सेटर नालंदा का है. रजनीश के मोबाइल से जानकारी मिली कि उसे दरभंगा से आंसर भेजा गया था. एक अन्य अभ्यर्थी के मोबाइल फोन से गया से आंसर भेजने की जानकारी पुलिस को हाथ लगी है. इससे यह स्पष्ट है कि अलग-अलग गिरोह इसमें काम कर रहे थे. ये गिरोह नालंदा, दरभंगा व गया जिले के हैं.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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