19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आइए जंगल बचाएं

राजधानी रांची के 20 गांवों में वन प्रेमी महादेव महतो की अगुवाई में पदयात्रा निकाली गयी. पेड़-पौधों को संरक्षित करने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया गया. वन रक्षा समिति बनायी गयी. पेड़ों पर रक्षासूत्र बांध कर उन्हें बचाने का संकल्प लिया गया. इसका परिणाम भी दिखा.

झारखंड में जल, जंगल और जमीन बचाने को लेकर हमेशा जद्दोजहद होती रही है, लेकिन धरातल पर स्थिति बिल्कुल उलट नजर आती है. जंगलों को बचाने और पौधरोपण के लिए ग्रामीण हमेशा प्रयासरत रहते हैं, लेकिन वनों की अवैध कटाई कर जंगल माफिया उनके मंसूबों पर पानी फेरने में लगे रहते हैं. आखिरकार उजड़ते जंगलों को देख ग्रामीणों में मायूसी हुई. ग्रामसभा के माध्यम से ग्रामीणों को एकजुट करने की कोशिश की गयी. जंगलों को बचाने के लिए आंदोलन छेड़ा गया. राजधानी रांची के 20 गांवों में वन प्रेमी महादेव महतो की अगुवाई में पदयात्रा निकाली गयी. पेड़-पौधों को संरक्षित करने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया गया. वन रक्षा समिति बनायी गयी. पेड़ों पर रक्षासूत्र बांध कर उन्हें बचाने का संकल्प लिया गया. इसका परिणाम भी दिखा. उजड़ गये जंगल एक बार फिर से हरे-भरे दिखने लगे. अब ग्रामीण भी समझने लगे कि जंगल को बचाने से न सिर्फ हरियाली मिलेगी, बल्कि स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा. पंचायतनामा के इस अंक में झारखंड में वनों की स्थिति, जंगल बचाने में ग्रामीणों की भूमिका, पेड़ कटाई पर रोक, विशेषज्ञों की राय और जंगलों को बचाने में अपना जीवन समर्पित करनेवाले वन प्रेमियों की कहानी की चर्चा की गयी है, ताकि आप भी वन संरक्षण को लेकर संवेदनशील हों और अधिक से अधिक पौधरोपण कर हरियाली कायम रखने में अपनी अहम भूमिका निभा सकें.

झारखंड में जंगल

23,611 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र है झारखंड में

29.62 फीसदी जंगल है राज्य में

2,603 वर्ग किलोमीटर घना वन क्षेत्र

9,687 वर्ग किलोमीटर मध्यम घना वन क्षेत्र

11,321 वर्ग किलोमीटर में खुला जंगल है

56.08 फीसदी जंगल है लातेहार जिले में

5.56 फीसदी जंगल बचे हैं जामताड़ा जिले में

60 प्रकार के औषधीय पौधे लगाये गये हैं रांची के प्रोजेक्ट भवन परिसर में

15,300 हेक्टेयर क्षेत्र में वन विभाग ने वर्ष 2018 में 2.40 करोड़ पौधे लगाये

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें