Microprocessor Chip Vikram :राष्ट्रीय राजधानी में ‘सेमीकॉन इंडिया, 2025’ सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा सदी चिप की होगी और जल्द ही भारत की बनी सबसे छोटी चिप दुनिया में बड़े बदलाव की शुरुआत करेगी, वहीं केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आइटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहली स्वदेशी विक्रम 32 बिट प्रोसेसर और चार सेमीकंडक्टर टेस्ट चिप प्रधानमंत्री को सौंपकर इस दिशा में भारत की प्रगति का उदाहरण भी पेश किया.
विक्रम भारत की पहली पूरी तरह स्वदेशी 32-बिट माइक्रो प्रोसेसर चिप है, जिसे इसरो और चंडीगढ़ स्थित सेमीकंडक्टर लेबोरेटरी (एससीएल) के सहयोग से तैयार किया गया है. इस चिप को खासकर स्पेस लॉन्च व्हीकल्स की चरम स्थितियों में काम करने के लिए तैयार किया गया है. यह उपग्रह प्रक्षेपणों और अंतरिक्ष यान के लिए आवश्यक जटिल निर्देशों को क्रियान्वित कर सकता है और इसका मजबूत डिजाइन इसे रक्षा, एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव और ऊर्जा क्षेत्रों में उपयोग के लिए उपयुक्त बनाता है. इस चिप को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह अंतरिक्ष उड़ानों के दौरान बहुत ज्यादा गर्मी, ठंड, कंपन और दबाव जैसी चरम परिस्थितियों को सहन कर सके.
यह माइक्रो प्रोसेसर चिप गणना करने, डाटा प्रोसेस करने और कंट्रोल सिस्टम को चलाने जैसे कई काम कर सकती है और एक बार में 32 बिट्स डाटा प्रोसेस कर सकती है, जो इसकी क्षमता के बारे में बताती है. यह पहले से तैयार स्वदेशी 16 बिट विक्रम 1601 का, जिसे 2009 से इसरो के लॉन्च व्हीकल्स के सिस्टम में इस्तेमाल किया जा रहा है, एडवांस्ड वर्जन है और इसरो ने इस प्रोसेसर के लिए सभी सॉफ्टवेयर टूल्स खुद ही विकसित किये हैं. विक्रम 3201 का परीक्षण चूंकि पहले ही पीएसएलवी सी-60 मिशन में किया जा चुका है, लिहाजा इस सफलता के बाद इसरो अब इसे अपने आगामी लॉन्च व्हीकल्स में व्यापक रूप से अपनाने जा रहा है.
कुछ ही वर्ष पहले भारत ने सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की थी और आज देश में पांच सेमीकंडक्टर यूनिट का निर्माण चल रहा है. इनमें से एक की पायलट लाइन पूरी हो चुकी है, जबकि दो अन्य में भी जल्द उत्पादन शुरू होगा. भारत अभी तक विदेशों से चिप आयात करता रहा है. लेकिन यह उपलब्धि विदेशी चिप पर भारत की निर्भरता कम करने के प्रयासों में मील का पत्थर साबित हो सकती है. इसे सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत का ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है, जिससे सप्लाई चेन बाधाओं और आयात निर्भरता में कमी आने की उम्मीद है.

