9.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

अरावली को बचाना जरूरी

Aravalli: अरावली पर्वत शृंखला राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत पूरे उत्तर पश्चिमी भारत के पर्यावरण संतुलन में योगदान देती है. लिहाजा इसके संरक्षण से किसी भी प्रकार का समझौता आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा.

Aravalli: हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक समिति की अरावली पहाड़ियों और पर्वत शृंखलाओं की परिभाषा संबंधी सिफारिशों को स्वीकार कर लेने पर पर्यावरणविदों ने जो चिंता जतायी है, उसे समझा जा सकता है. बदली हुई परिभाषा के तहत अरावली क्षेत्र में 100 मीटर से कम ऊंचाई वाले इलाकों में खनन की इजाजत मिल सकती है. इससे अरावली पर्वत शृंखला का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा कानूनी संरक्षण से बाहर हो सकता है.

अदालत का उद्देश्य अरावली पर्वत शृंखला की एक समान और स्पष्ट परिभाषा तय करना था, ताकि अलग-अलग राज्यों में इसे लेकर बनी अस्पष्टता खत्म की जा सके. केंद्र सरकार ने भी सफाई देते हुए कहा है कि नयी परिभाषा का मकसद नियमों को मजबूत करना तथा एकरूपता लाना है. लेकिन पर्यावरणविदों का मानना है कि सिर्फ ऊंचाई के आधार पर अरावली को परिभाषित करने से कई ऐसी पहाड़ियों पर खनन और निर्माण कार्य शुरू होने का खतरा पैदा होगा, जो 100 मीटर से कम ऊंची हैं, लेकिन झाड़ियों से ढकी हुई हैं और पर्यावरण के लिए आवश्यक हैं.

अरावली की परिभाषा बदलने से अवैध खनन, वनों की कटाई और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन को बढ़ावा मिलेगा तथा निर्माण गतिविधियां तेज होंगी. और इसका सीधा असर किसानों और पशुपालकों के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण स्तर, भूजल स्रोतों और आम लोगों की सेहत और जीवन पर भीषण रूप से पड़ेगा. अरावली पर्वत शृंखला दरअसल दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए प्राकृतिक सुरक्षा कवच का काम करती है, जो थार मरुस्थल की धूल को रोक कर प्रदूषण पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

यह राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत पूरे उत्तर पश्चिमी भारत के पर्यावरण संतुलन में योगदान देती है. लिहाजा, इसके संरक्षण से किसी भी प्रकार का समझौता आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा. मरुस्थलीकरण को रोकने, मानसून पैटर्न को संतुलित रखने, भूजल संरक्षण और जैव विविधता को बनाये रखने में अरावली का बड़ा योगदान है. राजस्थान में इस फैसले का सबसे अधिक विरोध हो रहा है, क्योंकि परिभाषा में बदलाव का सबसे अधिक दुष्प्रभाव राजस्थान को ही झेलना पड़ेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel