भारतीय सेना के तीनों अंगों के डीजी ऑपरेशंस की लगातार दूसरे दिन हुई ब्रीफिंग में पाकिस्तान को जिस तरह सख्त संदेश दिया गया, उससे साफ है कि संघर्षविराम के बावजूद भारत हर हमले के लिए तैयार है. हमारे सेनाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत सिर्फ आतंकी ठिकानों पर ही हमला किया गया था. लेकिन अफसोस इस बात का है कि पाक सेना ने आतंकियों का साथ देना उचित समझा. उसके बाद हमने जवाबी कार्रवाई की. इसमें उसका जो भी नुकसान हुआ, इसके लिए वह खुद जिम्मेदार था. हमारी नौसेना ने लड़ाकू और टोही विमान को काम पर लगा दिया था और पाकिस्तान के किसी भी खतरे से निपटने के लिए कई लेयर की तैयारी कर ली थी. जबकि अपने एयर डिफेंस की तैयारी पहले ही कर ली गयी थी, इसलिए पाक एयरफोर्स ने हमारे एयरफील्ड पर लगातार हमले किये, तो हमारे सिस्टम ने उसे विफल किया.
यही नहीं, सैन्य कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान की चीनी मूल की मिसाइल पीएल-15 भी गिरायी गयी और उसके नूरखान एयरबेस को भी तबाह कर दिया गया. इससे पहले रविवार की ब्रीफिंग में बताया गया था कि भारत की कार्रवाई में पैंतीस से चालीस पाकिस्तानी सैनिक मारे गये, जबकि हमारे पांच जांबाज सैन्यकर्मी शहीद हुए. इस दौरान भारतीय डीजीएमओ ने यह भी सूचित किया कि जब शनिवार की सुबह भारतीय सेना ने पाक सैन्य ढांचों को आक्रामक तरीके से निशाना बनाना शुरू किया, तब पाक डीजीएमओ ने संघर्षविराम के लिए संवाद स्थापित करने की पहल की. अच्छी बात यह है कि संघर्षविराम के बाद देश सामान्य स्थिति में लौट रहा है. जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अन्य इलाकों में कई दिनों की उथल-पुथल के बाद शांति लौटी है और जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान व गुजरात तक में दुकान-बाजार खुलने लगे हैं. सीमावर्ती इलाकों में जो लोग सुरक्षा के लिए बाहर चले गये थे, वे भी लौटने लगे हैं. ऐसे ही, पंजाब के ज्यादातर जिलों में ब्लैकआउट खत्म हो गया. संघर्षविराम के बाद उन हवाई अड्डों पर तत्काल विमानों का परिचालन शुरू करने की घोषणा भी सरकार ने की है, जिन्हें एहतियातन बंद कर दिया गया था. कम होते तनाव के बीच शेयर बाजार भी कल बढ़ोतरी के साथ खुला. अलबत्ता सामान्य स्थिति की बहाली के बावजूद हमें सतर्क और तैयार रहना होगा.