यह भी कुछ दिनों पहले ही लागू हुआ है, जिसका ढिंढोरा आज तक सरकार पीट रही है. लेकिन आज तक किसी भी मजदूर संघ ने आवाज नहीं उठायी है. आखिर क्यों, क्या इस शोषित वर्ग के मजदूरों के बारे में केंद्रीय मजदूर संघों की ओर से कोई आंदोलन नहीं होना चाहिए? हमारी मांग है कि इपीएफ योजना के तहत न्यूनतम पेंशन पांच हजार रुपये होनी चाहिए़
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न्यूनतम पेंशन की राशि बढ़े
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन तीन हजार से बढ़ कर नौ हजार रुपये हो जायेगी. फिर भी सभी केंद्रीय मजदूर संगठन हड़ताल पर जा रहे हैं. लेकिन इसी देश में मजदूरों का एक वर्ग ऐसा भी है, जिसकी न्यूतम पेंशन केवल एक हजार रुपये है. […]
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन तीन हजार से बढ़ कर नौ हजार रुपये हो जायेगी. फिर भी सभी केंद्रीय मजदूर संगठन हड़ताल पर जा रहे हैं. लेकिन इसी देश में मजदूरों का एक वर्ग ऐसा भी है, जिसकी न्यूतम पेंशन केवल एक हजार रुपये है.
राम प्रकाश मिश्रा, कोलकाता
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