14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्लास्टिक का सीमित प्रयोग ही बेहतर

आज हम किराने की दुकान से सब्जी मंडी तक बड़ी संख्या में लोग छोटी-छोटी वस्तुओं का भार वहन करने के लिए प्लास्टिक के प्रयोग को प्राथमिकता देते हैं. घर आकर वस्तुओं की निकासी के बाद हम कूड़ेदान में फेंक देते हैं. यह प्रक्रिया प्रायः हर घर में और रोज होता है. अगर हम एक झोले […]

आज हम किराने की दुकान से सब्जी मंडी तक बड़ी संख्या में लोग छोटी-छोटी वस्तुओं का भार वहन करने के लिए प्लास्टिक के प्रयोग को प्राथमिकता देते हैं. घर आकर वस्तुओं की निकासी के बाद हम कूड़ेदान में फेंक देते हैं. यह प्रक्रिया प्रायः हर घर में और रोज होता है.
अगर हम एक झोले का प्रयोग करते हैं, तो दर्जन भर प्लास्टिक के प्रयोग की नौबत नहीं आयेगी. प्लास्टिक पर्यावरण का दुश्मन है.
इसके प्रयोग से नाना प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं. इसके दुष्परिणाम कई स्तरों पर देखे जाते हैं. प्लास्टिक के प्रयोग के बाद जब उसे कूड़ेदान से बाहर फेंका जाता है, तो जैव-अपघटक ना होने से वह नहीं सड़ता.
अगर जलाने की कोशिश की जाये, तो वह पूरी तरह राख नहीं होता और हानिकारक गैस पैदा करता है. वहीं, मृदा के विभिन्न परतों के बीच उसकी मौजूदगी मृदा की गुणवत्ता व उर्वरता का प्रभावित करती है. वर्षाजल के साथ बहने से जलस्रोतों को बािधत करता है. इससे आखिरकार नुकसान हमारा ही होता है.
– सुधीर कुमार, राजाभीठा, गोड्डा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें