नये मास्टर प्लान के आने से गांव की जनता को तो अपनी जमीन से हाथ धोना पड़ेगा. झारखंड के निवासियों की समस्याओं के बारे में भी शायद सरकार पूरी तरह अवगत नहीं है. गांवों में जाकर सरकार को जांच-पड़ताल करनी चाहिए. मास्टर प्लान को गांव में लाना चाहिए. गांवों में खासकर यहां की आदिवासी जनता खेतीबारी कर अपना जीवन बसर कर रहे हैं.
अगर इनसे इनकी जमीन लेकर चाहे कितना भी पैसा सरकार दे, वह ज्यादा िदनों तक नहीं चलनेवाला. ग्रामीण आदिवासियों के बीच शिक्षा की कमी होने के कारण पैसे का सदुपयोग कर पाना काफी मुश्किल होगा. अशिक्षित आदिवासी तात्कालिक ऐशो-आराम, दारू-मुर्गा, मछली आिद में अपना सारा पैसा नष्ट कर देंगे और उनकी आनेवाली पीढ़ी के लिए एक नयी मुसीबत खड़ी हो जायेगी.
– पुष्पा मुंडा, अनगड़ा, रांची