भारतीय समाज के लिए नशा नासूर बनती जा रही है. इसका कारण इसकी चपेट में ज्यादातर देश की युवापीढ़ी ही हैं. शौकिया तौर पर नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करनेवाले युवा आज अपनी जिंदगी से ही हाथ धो रहे हैं. नशा की वजह से उन्हें कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. इन बीमारियों की वजह से हजारों नौजवान अपनी जान गवां रहे हैं.
फिर भी देश के युवा सचेत नहीं. नशा युवाओं का जीवन बरबाद तो कर ही रहा है, साथ ही नशे की लत और गंभीर बीमारी की चपेट में होनेवाले इलाज में उनके परिवार पर भी आर्थिक बोझ पड़ रहा है. इस प्रकार देखा जाये, तो नशा परिवार को दोहरे तरीके से आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा है. जितना पैसा नशा पर बरबाद होता है, उतनी ही राशि में उसका भविष्य संवर सकता है.
– संघर्ष यादव ‘गोलू’, ई-मेल से