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बदहाली के शिकंजे में राजधानी रांची
रांची की सड़कों पर गंदगी का अंबार है. प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत अभियान यहां आकर लुप्त हो जाता है. यहां के फुटपाथों की स्थिति दयनीय है. चाहे कांटाटोली हो, लालपुर या फिर मेन रोड. हर जगह बदहाली व्याप्त है. लोग फुटपाथ पर चलने के बजाय सड़कों पर चलते हैं. फुटपाथ पर अतिक्र मण के कारण […]
रांची की सड़कों पर गंदगी का अंबार है. प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत अभियान यहां आकर लुप्त हो जाता है. यहां के फुटपाथों की स्थिति दयनीय है. चाहे कांटाटोली हो, लालपुर या फिर मेन रोड.
हर जगह बदहाली व्याप्त है. लोग फुटपाथ पर चलने के बजाय सड़कों पर चलते हैं. फुटपाथ पर अतिक्र मण के कारण मुसाफिरों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
इस पर खोमचेवाले, ठेलेवाले, छोटे दुकानदार तथा ऑटोवाले अतिक्रमण करके ट्रैफिक व्यवस्था को बर्बाद करने पर आमादा हैं.
इसमें ट्रैफिक पुलिस की भूमिका भी अहम है. कई स्थानों पर तो ट्रैफिक पुलिस के जवान शराब के नशे में धुत पाये जाते हैं. आये दिन सड़कों पर जाम लगा रहता है. मिनटों का सफर घंटो में तय होता हैं. यदि झारखंड की राजधानी का यह हाल है, तो बाकी शहरों की स्थिति का अंदाजा लगाया सकता है.
चंद्रशेखर कुमार, रांची
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