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परमाणु हथियारों की बढ़ती होड़
वर्ष 1961 में बेलग्रेड में नेहरू, नासिर, सुकार्णो, मार्शल टीटो द्वारा शीत युद्ध में बंटी दो-ध्रुवीय दुनिया एवं परमाणु संपन्न राष्ट्रों के किसी गुट में शामिल नहीं होने का निर्णय किया गया. इसके बाद करीब 101 देशों का निर्गुट सम्मेलन क्यूबा में आयोजित किया गया. इसमें निरस्त्रीकरण और दुनिया को परमाणुमुक्त बनाने का प्रस्ताव पारित […]
वर्ष 1961 में बेलग्रेड में नेहरू, नासिर, सुकार्णो, मार्शल टीटो द्वारा शीत युद्ध में बंटी दो-ध्रुवीय दुनिया एवं परमाणु संपन्न राष्ट्रों के किसी गुट में शामिल नहीं होने का निर्णय किया गया. इसके बाद करीब 101 देशों का निर्गुट सम्मेलन क्यूबा में आयोजित किया गया.
इसमें निरस्त्रीकरण और दुनिया को परमाणुमुक्त बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था. संपन्न देशों ने इस प्रस्ताव का न केवल मजाक उड़ाया, बल्कि उन्होंने परमाणु हथियारों की होड़ मचा दी. पहले अमेरिका-रूस ने होड़ की, बाद में भारत-पाकिस्तान आदि भी परमाणु हथियारों से संपन्न होने लगे.
दुनिया भर में मची इस होड़ के कारण विश्व शांति के नियमों को तो धक्का लगा ही है, स्ट्राट संधि का भी उल्लंघन किया गया है. अमेरिका-रूस की जिद के कारण दुनिया के तटस्थ देशों के प्रयास को जोरदार झटका लगा है. इस पर ध्यान देने की दरकार है.
नित्यानंद सिंह, धनबाद
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