देश की खराब शिक्षा प्रणाली और बेरोजगारी स्तर से आरक्षण प्राप्त विद्यार्थियों को कोई फायदा नहीं हो रहा. प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में एक भी शिक्षक योग्य प्रतीत नहीं होते, जो बच्चों को सही शिक्षा दे पाएं. सही शिक्षा नहीं मिलने से गरीब व पिछड़े वर्ग के बच्चे पांचवीं या छठी तक ही पढ़ते हैं. इसके बाद छोटा-मोटा रोजगार प्रारंभ करते हैं.
ऐसे बच्चे इतने भी सक्षम नहीं हो पाते कि वह किसी प्रतियोगिता परीक्षा में उत्तीर्ण हो पाएं. आरक्षण का फायदा भी पिछड़े वर्ग के अमीर तबके के बच्चों को ही मिल रहा है. इसलिए शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए सरकार से मांग करनी चाहिए. जब शिक्षा का स्तर सुधरेगा तभी आरक्षण का सही फायदा सही लोगों को मिल पायेगा. इसके लिए सभी युवाओं को एकजुट होकर शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए सरकार पर दबाव बनाना होगा.
गोविंद गोपाल, इ-मेल से