वैवाहिक जीवन लंबी यात्रा की तरह है़ इस के दौरान खुशियां और कठिनाइयां आती हैं. हालांकि, यदि कोई आपको यात्रा करते समय मार्गदर्शन कर रहा है, तो आप आसानी से गंतव्य तक पहुंच सकते हैं. साथ ही वैवाहिक जीवन की यात्रा में मार्गदर्शन की आवश्यकता है.
शादी को एक शुद्ध बंधन के रूप में सोचें, बेशक पति-पत्नी अपने रिश्ते को दो अजनबियों के रिश्ते की तरह नहीं चाहते हैं, जो बस एक-दूसरे के साथ समय बिताने के लिए मजबूर होते हैं. इसके बजाय वे चाहते हैं कि उनका रिश्ता खुश और खुशहाल हो. संतुष्टि तब संभव होगा जब वे शादी के बंधन के उद्देश्य और स्थिति को समझेंगे और इसके निभाने का भरसक प्रयास करेंगे.
ओसामा आकिल, भौआड़ा (मधुबनी)