देश में अब तक के ज्यादातर स्वास्थ्य मंत्री अपनी पैठ बनाने के लिए दिल्ली के एम्स और सफदरजंग अस्पताल का दौरा करते हैं. निस्संदेह एम्स के प्रशिक्षित डॉक्टरों की कोई बराबरी नहीं है. इसके बावजूद यहां की प्रतिभाओं को शिक्षण-प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद एम्स से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है.
सवाल उठता है कि क्या यह प्रतिभाओं का जबरन पलायन नहीं है? यह हाल तब है, जब एम्स और सफदरजंग जैसे चिकित्सा-शिक्षा संस्थानों में हमेशा कई सारे पद खाली रहते हैं. ये संस्थान इन डॉक्टरों पर भारी संसाधन खर्च करते हैं, लेकिन अंत में देश में कहीं और नौकरियां तलाशने या विदेश चले जाने के लिए उकसाते हैं. ठीक ही कहा गया है, घर के पूत कुंवारे फिरें, पड़ोसियों के नौ-नौ फेरे! हमारे यहां अच्छे चिकित्सकों की बेहद कमी है, स्वास्थ्य मंत्री ऐसे प्रतिभाओं के पलायन को रोकने की पहल क्यों नहीं करते?
राज राणा, पटना