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गरीब मरीजों की भी सोचें
फेफ संबंधी रोग के डॉक्टर रांची में जुटे और सलाह दे गये कि इसके लक्षण वाले रोगी, रोग के आक्रमण के साथ ही चिकित्सक से मिलें. कुछ लोग तो इससे सीख कर अपनी जिंदगी बचा ही लेंगे. मगर ये लोग सिर्फ संपन्न वर्ग के होंगे. क्या चिकित्सकगण या सरकार गरीब वर्ग के लोगों की जिंदगियां […]
फेफ संबंधी रोग के डॉक्टर रांची में जुटे और सलाह दे गये कि इसके लक्षण वाले रोगी, रोग के आक्रमण के साथ ही चिकित्सक से मिलें. कुछ लोग तो इससे सीख कर अपनी जिंदगी बचा ही लेंगे. मगर ये लोग सिर्फ संपन्न वर्ग के होंगे.
क्या चिकित्सकगण या सरकार गरीब वर्ग के लोगों की जिंदगियां बचाने के लिए भी कुछ करने वाले हैं, क्योंकि स्पीरोमीटर जांच में पांच सौ रुपये, तो नुमोकोकुस वैक्सीन के लिए दो हजार रुपये लगे हैं.
इसके अलावे एक्स-रे, इको, इसीजी समेत कई तरह के रक्त जांच भी कभी करवाये जाते हैं. इलाज में इनहेलर की जरूरत होती है और इस इनहेलर की कीमत 400-500 रुपये होती है. ऊपर से चिकित्सकों की फीस भी. क्या यह सबके बस में है? 700-800 रुपये की फीस पहले जमा करने पर ही नंबर मिलता है. ऐसे में सरकार और चिकित्सकों को गरीब मरीजों के विषय में सोचना चाहिए.
पारस नाथ सिन्हा, रांची
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