बंगाल के सरकारी अस्पतालों में झारखंड के मरीजों के लिए नो एंट्री लगाना तथा इलाज नहीं किया जाना बंगाल सरकार की मानवता की हत्या है. झारखंड सरकार को इससे सीख लेनी चाहिए कि आज हम कहां हैं? बंगाल सरकार ने यह बताने की कोशिश की है कि स्वास्थ्य सेवा के मामले में झारखंड किस हद तक उस पर निर्भर हैं. यह सच भी है.
झारखंड की ग्राम पंचायतों में स्वास्थ्य विभाग के बड़े-बड़े भवन बने हैं, मगर ये सिर्फ और सिर्फ मुंह चिढ़ाने के लिए हैं. अगर इन्हीं प्रतिष्ठानों पर सीमित संसाधनों का सही तरीके से अमल किया जाये, तो बंगाल से बेहतर इलाज यहां संभव हो सकता है.
समय आ गया है कि झारखंड सरकार स्वास्थ्य सेवा के मामले में किसी भी प्रकार की कोताही न करते हुए सख्ती से कार्य करे और यह समझे कि सिर्फ इमारतें खड़ी कर देने से मरीजों का भला होने वाला नहीं है.
नवल किशोर सिंह, दुमका