हम लाख स्वच्छ भारत अभियान चला लें या केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बना लें, मगर तब सब ढाक के तीन पात साबित हुए, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस पर अपनी रिपोर्ट जारी की. 20 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत का एक नहीं, दो नहीं, बल्कि कुल 14 शहर आते हैं.
बाकी छह में से केवल एक शहर चीन का, दो अफ्रीका के, दो पाकिस्तान के और एक बांग्लादेश का. सबसे चिंता करने की बात यह है कि केवल एशिया और अफ्रीका में प्रदूषण बढ़ रहा है. इसका सीधा कारण है यहां की बढ़ती आबादी. सरकारें कुछ विशेष करने में असफल हैं, क्योंकि पैसों की कमी है.
साथ ही भ्रष्टाचार है. इसलिए स्वच्छ भारत अभियान केवल नारों, सेमिनारों तक सीमित रह गया है. कहा जा रहा है कि इसी बढ़ते प्रदूषण के कारण हर साल 70 लाख लोग मर रहे हैं. इनमें से ज्यादा मौतें भारत में ही हो रही होंगी. सरकार से कुछ कहना बेकार है, क्योंकि उसके पास बजट नहीं है. सबसे बड़ी बात यह कि इच्छाशक्ति नहीं है.
जंग बहादुर सिंह, इ-मेल से.