वाशिंगटन : अमेरिका के आव्रजन अधिकारियों द्वारा पकड़े जाने के बाद अपनी बेटी की मौत को लेकर ग्वाटेमाला की एक महिला ने बुधवार को देश के शरणार्थी हिरासत केंद्र की ‘क्रूरता’ की निंदा की. याजमिन जुआरेज ने कांग्रेस की सुनवाई में यह बात कही. यह सुनवाई हिरासत में लिये गये शरणार्थियों की खराब हालत को लेकर सामने आयी कई अनियमितताओं के बीच हो रही है.
आंखों में आंसू लिये जुआरेज ने अमेरिका के आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग का जिक्र करते हुए सुनवाई से पहले पत्रकारों से कहा, ‘अगर आज मैं कुछ बदल सकती हूं, अगर मैं यह बताकर कुछ बदलाव ला सकती हूं कि आइसीइ के केंद्रों में क्या हो रहा है, वहां क्रूरता है… जो कि बहुत अनुचित है.’
जुआरेज ने सदन को बताया कि वह अपनी 19 महीने की बेटी मैरी के साथ पिछले साल भागकर अमेरिका आयी थी, क्योंकि उन्हें ग्वाटेमाला में अपनी जान का खतरा था. उन्होंने सीमा पार की और शरण मांगी, लेकिन उसे और मैरी को कुछ दिन तक जमा देने वाले ठंडे पिंजरे में कैद रखा गया और फिर वे आइसीइ हिरासत केंद्र पहुंचे. उस समय उनकी बेटी बीमार थी.
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उन्होंने कहा, ‘मैंने डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों से उसकी देखरेख करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने नहीं की.’ संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचलेट ने सोमवार को कहा था कि प्रवासियों और शरणार्थियों को अमेरिकी हिरासत केंद्रों में जिन स्थितियों में रखा जा रहा है, उन्हें देखकर वह ‘काफी स्तब्ध’ हैं.