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रांची : अब भाड़े के भवन में नहीं चलेगा आइआइएम रांची, मिला ठिकाना

एचइसी क्षेत्र के मुड़मा मौजा में 60 एकड़ पर हो रहा निर्माण चहारदीवारी का काम पूरा, अब शुरू होगा भवन निर्माण का काम अभी सूचना भवन में चल रहीं कक्षाएं, खेलगांव परिसर में है छात्रावास रांची : झारखंड का प्रतिष्ठित संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट(आइआइएम) रांची अब भाड़े के भवन में नहीं चलेगा. इस संस्थान […]

  • एचइसी क्षेत्र के मुड़मा मौजा में 60 एकड़ पर हो रहा निर्माण
  • चहारदीवारी का काम पूरा, अब शुरू होगा भवन निर्माण का काम
  • अभी सूचना भवन में चल रहीं कक्षाएं, खेलगांव परिसर में है छात्रावास
रांची : झारखंड का प्रतिष्ठित संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट(आइआइएम) रांची अब भाड़े के भवन में नहीं चलेगा. इस संस्थान को अपना स्थायी ठिकाना बनाने के लिए एचइसी एरिया में 60 एकड़ जमीन मिल चुकी है, जहां भव्य भवन बनाने का काम शुरू हो चुका है. उम्मीद है कि वर्ष 2020 तक यह भवन बन कर तैयार हो जायेगा. नया भवन बनाने में लगभग 330 करोड़ रुपये की लागत आयेगी.
वर्ष 2010 से ही आइआइएम रांची जमीन की तलाश में जुटा था. अथक प्रयास के बाद एचइसी एरिया में सरकार ने जमीन उपलब्ध करायी है. यहां चहारदीवारी बनाने का काम पूरा हो चुका है.
अब प्रशासनिक भवन बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. गौरतलब है कि अपने स्थापना काल से लेकर अब तक आइआइएम रांची भाड़े के भवन में ही चल रहा है. फिलहाल, राज्य सरकार के सूचना भवन में आइआइएम रांची की कक्षाएं चल रही हैं. सूचना भवन के दो फ्लोर पर कक्षाएं और प्रशासनिक भवन हैं. वहीं, सरकार की ओर से संस्थान में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं के लिए खेलगांव परिसर में छात्रावास की सुविधा भी दी गयी है.
पहले चरण में प्रशासनिक भवन के अलावा कंप्यूटर लैब आदि बनेंगे : पहले चरण में प्रशासनिक भवन, छात्रावास, डाइनिंग हॉल (विद्यार्थियों के लिए), डाइनिंग हॉल (कर्मचारियों के लिए), फैकल्टी ब्लॉक, लाइब्रेरी, बिजली सब स्टेशन, कंप्यूटर लैब, फैकल्टी के रहने का आवास, स्टाफ आवास (ए ब्लाक और सी ब्लाक), निदेशक का आवास और अन्य बुनियादी सुविधाएं विकसित की जायेंगी.
इन पाठ्यक्रमों की होती है पढ़ाई : आइआइएम रांची में पीजी डिप्लोमा इन ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट मैनेजमेंट (पीजीडीएचआरएम), पीजी डिप्लोमा इन मार्केटिंग मैनेजमेंट (पीजीडीएम) के अलावा एग्जिक्यूटिव स्तर के भी कई कोर्स कराये जाते हैं. वहीं, शोध से जुड़े कोर्स भी संचालित किये जा रहे हैं.
1150 मजदूर लगे हैं निर्माण कार्य में : आइआइएम के नये कैंपस के निर्माण कार्य में लगभग 1150 मजदूर जुटे हैं. रात-दिन काम चल रहा है. कुल 13 ब्लॉक बनाये जाने हैं.
नगड़ी में भी तोड़ दी गयी थी चहारदीवारी : वर्ष 2012 में कांके के नगड़ी में आइआइएम रांची को 76 एकड़ जमीन भी मिली. करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद चहारदीवारी का निर्माण भी कराया गया. लेकिन ग्रामीणों ने जमीन देने का विरोध शुरू कर दिया और चहारदीवारी भी तोड़ दी.
इन भवनों का हाेगा निर्माण
1. तीन प्रशासनिक भवन 2502 वर्ग मीटर
2. सेमिनार हॉल 2486 वर्ग मीटर
3. स्टूडेंट्स छात्रावास 2800 वर्ग मीटर
4. स्टूडेंट्स डाइनिंग हॉल 1343 वर्ग मीटर
5. निदेशक आवास 310 वर्ग मीटर
6. दो फैकल्टी ब्लॉक 1420 वर्ग मीटर
7. सर्विस ब्लॉक 1400 वर्ग मीटर
8. स्टाफ क्वार्टर (ब्लॉक-ए) 425 वर्ग मीटर
9. स्टाफ क्वार्टर (ब्लाॅक-सी) 425 वर्ग मीटर
चेरी में मिली थी 90 एकड़ जमीन, लेकिन ग्रामीणों ने 15 दिन में ही उखाड़ दिया पत्थर
आइआइएम को कांके प्रखंड के चेरी गांव में 90 एकड़ जमीन दी गयी थी. 29 अप्रैल 2013 को तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री एम पल्लम राजू ने इसका शिलान्यास भी किया था.
शिलान्यास केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, हेमंत सोरेन, सुबोधकांत सहाय समेत कई लोगों की उपस्थिति में हुई. लेकिन आइआइएम को चेरी गांव में ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. ग्रामीणों ने शिलापट्ट को उखाड़ कर फेंक दिया था. काफी प्रयास के बावजूद आइआइएम को चेरी गांव छोड़ना पड़ा.

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