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रांची से चलनेवाली ट्रेनों को लेकर रेलवे बोर्ड गंभीर, झारखंड स्वर्ण जयंती और जम्मूतवी एक्सप्रेस के लिए मिलेगा अलग रैक

वड़ोदरा स्थित भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी में हुआ मीडिया इनटरैक्टिव वर्कशॉप देश भर के पत्रकारों से रूबरू हुए बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी, सवालों के जवाब दिये बड़ोदरा से लौट कर राजेश झा रांची से चलनेवाली दो ट्रेनें झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस और जम्मूतवी एक्सप्रेस वापसी में अक्सर विलंब रांची पहुंचती हैं. इस समस्या को […]

वड़ोदरा स्थित भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी में हुआ मीडिया इनटरैक्टिव वर्कशॉप
देश भर के पत्रकारों से रूबरू हुए बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी, सवालों के जवाब दिये
बड़ोदरा से लौट कर राजेश झा
रांची से चलनेवाली दो ट्रेनें झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस और जम्मूतवी एक्सप्रेस वापसी में अक्सर विलंब रांची पहुंचती हैं. इस समस्या को भारतीय रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि इन दोनों ट्रेनों के लिए अलग से रैक उपलब्ध कराया जायेगा, ताकि इनका परिचालन समय पर हो सके.
दरअसल, गुजरात के वड़ोदरा स्थित भारतीय रेल राष्ट्रीय अकादमी में दो नवंबर से चार नवंबर तक मीडिया इनटरैक्टिव वर्कशॉप आयोजित किया गया था. इसमें देश भर से आये पत्रकारों से रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के जरिये बातचीत की और सवालों को जवाब दिये.
इसी क्रम में रांची के पत्रकारों ने झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस और जम्मूतवी एक्सप्रेस की लेट लतीफी का मुद्दा उठाया था. इस पर श्री लोहानी ने रेल अधिकारियों से दोनों ट्रेनों के लेट होने से संबंधित स्टेट्स रिपोर्ट मांगी. साथ ही कहा कि जरूरत पड़ी, तो इन ट्रेनों का परिचालन समयबद्ध करने के लिए अलग से रैक उपलब्ध करायेंगे.
जनवरी से शुरू होगी ट्रेन-18 : अत्याधुनिक तकनीक से लैस ट्रेन 2018 का परिचालन जनवरी तक शुरू होगा. रेलवे इस दिशा में गंभीर है. ट्रेन-18 को पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है. ट्रेन-18 की बोगियों को राजधानी एक्सप्रेस और शताब्दी में बदला जायेगा. यह ट्रेन स्टेनलेस स्टील से बनायी गयी है. भारतीय कोच फैक्टरी से 2016-17 में 400 कोच बनाये गये. 2017-18 में 1125 कोच, 2018-19 में 2100 कोच और 2019-20 में 2500 कोच का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है.
डीजल इंजन के लिए बाजार तलाशेगा रेलवे : डीएलडब्ल्यू में तैयार हो रहे डीजल इंजन के लिए रेलवे बाजार तलाश करेगा, जिससे अधिक से अधिक इंजन का निर्यात किया जा सके. श्री लोहानी ने कहा कि फैक्टरी में कार्यरत लोग दक्ष हैं. उनकी प्रतिभा को जाया नहीं होने दिया जायेगा. रेलवे के इस प्रयास से उन कर्मचारियों के मन में डीजल इंजन ट्रेन का परिचालन बंद होने को लेकर जो संशय बना है, वह समाप्त हो जायेगा.
चारों महानगरों को जोड़ेगा फ्रेट कॉरिडोर : डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण होने पर पैसेंजर गाड़ियों को सहूलियत होगी. वहीं, एक थर्ड लाइन का निर्माण होगा, जिसमें सिर्फ मालगाड़ियां चलेंगी. इससे मेन लाइन से मालगाड़ियों के हटने से ट्रेनों की गति बढ़ेगी व लोड भी कम होगा. फ्रेट कॉरिडोर दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, मुंबई को जोड़ेगी.
रांची-टोरी लाइन पर राजधानी चलाने का प्रस्ताव नहीं : रांची-टोरी लाइन पर राजधानी एक्सप्रेस के परिचालन के सवाल पर श्री लोहानी ने कहा कि अब तक बोर्ड को इसका प्रस्ताव नहीं मिला है. अगर प्रस्ताव मिला, तो इस पर विचार किया जायेगा.
रेल लाइनों के रिन्यूअल और दोहरीकरण का झारखंड को मिलेगा लाभ
झारखंड से कई शहरों के लिए सीधी ट्रेन सेवा नहीं होने के सवाल पर श्री लोहानी ने कहा कि पूर्व में रेलवे लाइन के दोहरीकरण और रिन्यूअल पर काफी काम हुआ है. आनेवाले वर्षों में इस दिशा में काफी काम शुरू किया जायेगा.
इस वर्ष दो हजार किमी तक रेलवे लाइन का दोहरीकरण हुआ है और पिछले वर्ष 6400 किमी रेलवे ट्रैक का रिन्यूअल किया गया था. वर्तमान में दोहरीकरण और रिन्यूअल रेलवे ट्रैक की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी. इससे ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और झारखंड को भी इसका लाभ मिलेगा.

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