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”1971 से पहले बांग्लादेश से भारत आये कई शरणार्थियों को एनआरसी सूची से निकाला गया बाहर”

गुवाहाटी : राष्ट्रीय नागरिक पंजी यानी एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार को जारी कर दी गयी है. nrcassam.nic.in पर क्लिक करने के बाद अपना ऐप्लिकेशन रिफरेंस नंबर और कैप्चा कोड डालकर आप एनआरसी सूची को चेक कर सकते हैं.हालांकि वेब साइट पर ट्रैफिक ज्यादा होने की वजह से खुलने में थोड़ा समय लग रहा है. […]

गुवाहाटी : राष्ट्रीय नागरिक पंजी यानी एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार को जारी कर दी गयी है. nrcassam.nic.in पर क्लिक करने के बाद अपना ऐप्लिकेशन रिफरेंस नंबर और कैप्चा कोड डालकर आप एनआरसी सूची को चेक कर सकते हैं.हालांकि वेब साइट पर ट्रैफिक ज्यादा होने की वजह से खुलने में थोड़ा समय लग रहा है. एनआरसी लिस्ट जारी होने के बाद किसी भी संवेदनशील स्थिति से निपटने के लिए असम के कई इलाकों में धारा 144 लागू की गयी है.

एनआरसी के स्टेट को-ऑर्डिनेटर प्रतीक हाजेला ने जानकारी दी किकुल 3,11,21,004 लोग इस लिस्‍ट में जगह बनाने में सफल हुए हैं. उन्‍होंने कहा कि एनआरसी की फाइनल लिस्‍ट से 19,06,657 लोग बाहर किये गये हैं. एनआरसी बाहर से किये गये लोगों को अब तय समय सीमा के अंदर विदेशी न्यायाधिकरण के सामने अपील करनी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्‍त तक एनआरसी की अंतिम सूची जारी करने की अंतिम समय सीमा तय की थी. एनआरसी लिस्‍ट को बनाने की प्रक्रिया 4 साल पहले शुरू हुई थी और सरकार ने तय समय के भीतर यह सूची जारी कर दी है.

बताया जा रहा है कि जिन लोगों के नाम एनआरसी की सूची में शामिल भी हैं, उनमें भी नाम की स्पेलिंग और कुछ मानवीय त्रुटि को लेकर चिंता बनी हुई है.असम के मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि 1971 से पहले बांग्लादेश से भारत आये कई शरणार्थियों को एनआरसी सूची से बाहर निकाला गया. जैसा कि कई लोगों ने आरोप लगाया है, विरासत संबंधी आंकड़ों से छेड़छाड़ की गयी.उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को सीमावर्ती जिलों में कम से कम 20 प्रतिशत और शेष असम में 10 प्रतिशत के पुन: सत्यापन की अनुमति देनी चाहिए.

एनआरसी की आखिरी लिस्ट पर कांग्रेस की दिल्ली में बैठक होगी. यह बैठक 10 जनपथ पर होने वाली है. इधर, दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने कहा है कि दिल्ली में स्थिति बिगड़ती जा रही है, यहां भी एनआरसी लागू करने की जरूरत है. अवैध घुसपैठिए जो यहां सेटल हो गये हैं वे काफी खतरनाक हैं. हम इसे यहां लागू करने की मांग करेंगे.

सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए असम में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. लोगों से अफवाहों से बचने की अपील की गयी है. कई हिस्सों में धारा 144 लगा दी गयी है. केंद्र ने पर्याप्त अर्द्ध सैनिक बल मुहैया कराये हैं. वहीं, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोगों से कहा कि वे घबराएं नहीं. राज्य सरकार नागरिकता साबित करने में उन लोगों को हर संभव मदद करेगी, जो वास्तव में भारतीय हैं.

तुरंत नहीं होगी गिरफ्तारी मिलेगा अपील का मौका
राज्य के अतिरिक्त प्रमुख सचिव ने कहा कि सूची में छूट गये लोगों को फौरन गिरफ्तार नहीं किया जायेगा. उन्हें फॉरेन ट्रिब्यूनल में अपील का अवसर मिलेगा. अपील के लिए समय सीमा 60 से बढ़ा कर 120 दिन कर दी गयी है और ट्रिब्यूनल की संख्या 33 से बढ़ा कर 233 की जा रही है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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