मुजफ्फरपुर : लंगट सिंह काॅलेज के भोजपुरी विभाग में माॅरीशस से आयी भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन की डायरेक्टर व भोजपुरी जगत में ‘अंतर्राष्ट्रीय दीदी’ के रूप में विख्यात सरिता बुद्धु व लखनऊ से आये हिंदी-भोजपुरी के वरीय कवि डाॅ किशोरी शरण शर्मा के सम्मान में संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
मुख्य अतिथि सरिता बुद्धु ने अपनी रचनाओं और माॅरीशस में गाये जानेवाले भोजपुरी के पारंपरिक गीत ‘कलकत्ता से छूटल जहाज, पंवरिया धीरे चलो’ को सुनाया. कहा कि हमारे पूर्वज मॉरीशस गिरमिट बन कर गये और अपने श्रम, साहस व भोजपुरिया संस्कार की बदौलत गवर्मेंट बन गये. माॅरीशस के अलावे सूरीनाम, फिजी, ट्रिनीडाड, गुयाना आदि देशों में छपरा, आरा, बलिया आदि इलाकों से गये हमारे पूर्वजों ने उन देशों को संवारा और बनाया. हम भोजपुरी भाषियों की बदौलत हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई. भोजपुरी को भारतीय संविधान के आठवीं अनुसूची में मान्यता मिलती है, तो विश्व स्तर भोजपुरी के साथ हिंदी व हिंदुस्तान दोनों का सम्मान बढ़ेगा.
वहीं, डाॅ रिपुसूदन श्रीवास्तव ने बताया कि विश्व में पहली बार बिहार विश्वविद्यालय में 1971 में भोजपुरी की पढ़ाई शुरू हुई. यदि यहां स्नातकोत्तर स्तर पर भोजपुरी का पाठ्यक्रम लागू होता है, तो संभव है कि माॅरीशस, फिजी, नेपाल आदि देशों के छात्र व शोधार्थी भी अध्ययन के लिये यहां आएं.
प्राचार्य ने बतायी आयोजन की प्रासंगिकता : प्राचार्य डाॅ अनिल कुमार सिंह ने ऐसे आयोजनों को प्रासंगिक बताते हुए आगे व मनोयोग पूर्वक आयोजन करने की बात कही. संचालन व धन्यवाद ज्ञापन विभाग के अध्यक्ष डाॅ जयकांत सिंह ने किया. डाॅ ब्रजभूषण मिश्र ने स्वागत भाषण किया. डाॅ अवधेश कुमार सिंह, डाॅ शिवारंजन चतुर्वेदी, डाॅ शैल कुमारी, डाॅ मंजरी वर्मा, डाॅ मीरा सिंह, डाॅ विनोद शंकर झा, प्रेमरंजन, सुनीता सिंह, अमित, सौरभ, राजा, रणजीत कुमार आदि ने अपनी कविता, गीत व विचार रखे.
