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ज्योतिषीय समाधान : क्या काले जादू से सिर्फ़ बुरा ही होता है? जानें क्या कहते हैं सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी

सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी एक आधुनिक सन्यासी हैं, जो पाखंड के धुरविरोधी हैं और संपूर्ण विश्व में भारतीय आध्यात्म व दर्शन के तार्किक तथा वैज्ञानिक पक्ष को उजागर कर रहे हैं. सद्‌गुरुश्री के नाम से प्रख्यात कार्पोरेट सेक्टर से अध्यात्म में क़दम रखने वाले यह आध्यात्मिक गुरु नक्षत्रीय गणनाओं तथा गूढ़ विधाओं में पारंगत हैं […]

सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी एक आधुनिक सन्यासी हैं, जो पाखंड के धुरविरोधी हैं और संपूर्ण विश्व में भारतीय आध्यात्म व दर्शन के तार्किक तथा वैज्ञानिक पक्ष को उजागर कर रहे हैं. सद्‌गुरुश्री के नाम से प्रख्यात कार्पोरेट सेक्टर से अध्यात्म में क़दम रखने वाले यह आध्यात्मिक गुरु नक्षत्रीय गणनाओं तथा गूढ़ विधाओं में पारंगत हैं तथा मनुष्य के आध्यात्मिक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक व्यवहार की गहरी पकड़ रखते हैं. आप भी इनसे अपनी समस्याओं को लेकर सवाल पूछ सकते हैं. इसके लिए आप इन समस्याओं के संबंध में लोगों के द्वारा किये गये सवाल के अंत में पता देख सकते हैं….

सवाल- काला रंग अशुभ क्यों होता है?
-उदय यादव

जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि कोई भी रंग सार्वभौमिक रूप से शुभ या अशुभ नहीं होता. काले रंग को शनिदेव का रंग माना जाता है और अज्ञानता वश शनि की छवि एक कष्ट देने वाले ग्रह की है, जो सही नहीं है. सत्य तो ये है कि यदि जन्म कुंडली में शनि स्वग्रही हो, उच्च का हो या तृतीय, षष्ठ अथवा एकादश भाव में आसीन हो तो यह फर्श से अर्श पर ले जाने वाला सिद्ध होता है। और तब काला रंग अशुभ नहीं शुभ और कल्याणकारी हो जाता है.

सवाल- 8 का अंक बुरा क्यों करता है?
-प्रिया नाथ

जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि हर अंक का अपना अलग अलग स्वभाव, गुण और धर्म है। किसी भी अंक को अच्छे और बुरे के तराज़ू पर तौलना नितांत व्यक्तिगत दृष्टिकोण है। अच्छे और बुरे की परिभाषा सबके लिए भिन्न है. 8 का अंक दरअसल विचारशीलता, आध्यात्मिकता, और आंतरिक गुणों का रंग है. इसकी प्रवृत्ति में चिंतन की महाशक्ति समाहित है. यह अंक स्थूल पदार्थों और भौतिक समृद्धि को बहुत महत्व नहीं देता. लिहाज़ा सफलता के लिए जिनका पैमाना भौतिक चमक दमक है, उन्हें ये अंक कभी कभी निराश कर सकता है.

सवाल- क्या काले जादू से अच्छा भी हो सकता है, या सिर्फ़ बुरा ही होता है?
– राजेश प्रियदर्शी

जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि किसी भी विधा का अपना कोई रंग नहीं होता. उसके छटा हमारी नीयत, हमारे उपक्रम, हमारी दिशा और हमारी भावना तय करती है. हमारे विचारों की दिशा इसमें मुख्य भूमिका अदा करती हैं. रही बात जादू की, तो शुद्ध भावना, दृढ़ संकल्प व सही दिशा में अनवरत सटीक कर्म ही जीवन में जादू बिखेरा जा सकता है. इसके इतर किसी भी जादू की बात हमारी कल्पना की उपज ज़्यादा है. यदि आपका आशय तंत्रशास्त्र से है, तो आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि आज हम जिसे तंत्र कहते हैं, वो दरअसल कभी वैज्ञानिक अवधारणा थी, जिसके अधिकतर शोध कार्य विलुप्त हो चुके हैं. ध्यान रखिए, जीवन में हम चमत्कार सिर्फ कर्म से ही कर सकते हैं. बाकी के माध्यम अंतत: एक छलावा ही साबित होंगे.

सवाल- मेरे बेटे का शनि बिगड़ गया है। उसे कैसे सुधारा जाय ?
निधि सिंह, जन्मतिथि- 16.03.2004 , समय-7.49 प्रातः, जन्म स्थान- रांची

जवाब- ‘बिगड़े’ शनि से आपका आशय स्पष्ट नहीं है। ज्योतिषीय गणना ज्योतिष के विचारकों का विषय है, न कि आमजन का। यदि आपकी इस विषय में रुचि है, तो इसका विधिवत अध्ययन करना ही श्रेयस्कर है। अन्यथा अपूर्ण ज्ञान सिर्फ हानि पहुंचाता है। सद्‌गुरुश्री कहते हैं कि आपके सुपुत्र की राशि मकर और लग्न मेष है। शनि भाग्य और लाभ भाव का स्वामी होकर तृतीय भाव में आसीन है। ज्योतिषिय नियमों के अनुसार यह शनि बेहद उत्तम है न कि बिगड़ा हुआ। अत परेशान न हों. सनद रहे कि संदेह और नकारात्मक विचार सौभाग्य में भी पलीता लगा देते हैं, अतः निरर्थक संदेह से दूर रहें.

सवाल -मेरा बॉस मुझे बहुत परेशान करता है. मैं उससे बदला लेना चाहती हूं. कोई उपाय है बताइए.
प्रीति श्रीवास्तव, जन्मतिथि: 23.07.1993, समय- 05.49 प्रातः, जन्म स्थान- दरभंगा

जवाब – आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार हमारा वर्तमान हमारे पिछले ज्ञात-अज्ञात कर्मों द्वारा ही निर्मित है। उसे शांत चित्त से भोगते हुए जीवन को शीर्ष पर ले जाने कि प्रयास ही आपके जीवन को ऊंचाई प्रदान कर सकता है. किसी से बदला लेने का ख़याल एक नकारात्मक कर्म है, जिसका कड़वा फल अंततोगत्वा हमारे पास ही लौट कर आएगा. सदगुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि सिंह और लग्न कर्क है. सूर्य लग्न में विराजकर जहां आपके स्वभाव को उग्रता प्रदान कर रहे हैं, वहीं बुध व्यय में विराज कर आपके फ़ैसलों को ग़लत बना रहा है. पर पराक्रम भाव में वृहस्पति और लाभ भाव स्वग्रही शुक्र की मौजूदगी उत्तम योग से नवाज़ रही है. किसी से बदला लेने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है अपनी योग्यता का विस्तार कर लेना. यानि किसी लकीर को छोटा करने के लिए उसमें काट पीट करने की जगह आप उसके समकक्ष एक बड़ी लकीर खींच दें. बस, आपका बदला पूर्ण हो जाएगा. रविवार को गुड़ व गेहूँ का दान, नित्य केशर का प्रयोग, धैर्य तथा मधुरवाणी का वरण आपको फ़लक पर बिठा देगा, ऐसा मैं नहीं ज्योतिषिय मान्यतायें कहती हैं.

सवाल- मैंने पढ़ा है कि ईशान्य कोण में जल की उपस्थिति शुभ होती है, इसीलिए मैंने अपने मकान की छत पर पानी की टंकी बना ली है. पर उसके बाद से मैं ढेरों झमेले में फंस गया हूं. क्या मेरी परेशानी पानी की टंकी की वजह से है?
– राजा कुशवाहा

जवाब- सदगुरुश्री कहते है कि उत्तर-पूर्व यानि ईशान्य कोण में जल शुभ फल देता ज़रूर है पर इस दिशा में छत पर भारी टंकी का निर्माण वास्तु के नियमों के प्रतिकूल है. सनद रहे कि अधूरा ज्ञान बेहद खतरनाक होता है. इस टंकी को हटाने के सिवा इसका कोई निवारण नहीं है। चाहें तो दक्षिण-पश्चिम को उत्तर-पूर्व से ज्यादा ऊंचा करके देख सकते हैं.

सवाल- समृद्धि के लिए किस रंग के वस्त्र पहनकर उपासना करनी चाहिए? इसकी सही दिशा क्या होनी चाहिए.
-बिल्लू जायसवाल

जवाब- सद्‌गुरुश्री कहते हैं कि वाणी की मधुरता, विचारों में सकारात्मकता, बड़ों का सम्मान, असहायों की सेवा और सतत दिशा में सतत सटीक कर्म समृद्धि की उपासना में रंग और दिशा से भी बड़ी भूमिका का निर्वहन करते हैं. संदर्भ के लिए, मान्यताएं लाल व श्वेत रंग के वस्त्र को लक्ष्मी साधना के लिए सर्वोत्तम मानती हैं क्योंकि ये दोनों आकर्षण के रंग हैं और भौतिक समृद्धि उपासना में अहम भूमिका अदा करते हैं. पश्चिम दिशा में मुख कर साधना का विशिष्ट महत्व है.

सवाल- क्या मोर पंख सुख शांति को नष्ट कर देते हैं?
-मुहम्मद सलीम

जवाब – नहीं, हर्ग़िज़ नहीं. सदगुरुश्री कहते हैं कि पारंपरिक अवधारणाएँ घर में मोर पंख रखने को शुभ मानती हैं और इन्हें घर में रखने की संस्तुति भी करती हैं. कुछ विचार इसे नकारात्मक ऊर्जा के उन्मूलन में सहायक मानते हैं, तो कुछ घरेलू मतभेद से निपटने का कारक. कुछ मान्यताएं इसे नजर दोष के उपाय के रूप में देखती हैं, तो जहरीले जीव जंतुओं से बचने के साधन के रूप में इसकी अनुशंसा करती हैं. भुजंग के शत्रु मोर के पंखों की गृह में मौजूदगी को सर्प से बचाव के रूप में भी देखा जाता है पर सनद रहे कि इन सबका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है.

सवाल- क्या प्राचीन वास्तुशास्त्र में घर में अक्वेरियम को अशुभ कहा गया है?
-विनय सहाय

जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि प्राचीन काल में बाहर जलाशय का ज़िक्र तो मिलता है, पर घर के भीतर अक्वेरियम की मौजूदगी का उल्लेख प्राप्त नहीं होता। अक्वेरियम, का निर्माण मछली और जल के संयोग से होता है. भारतीय वास्त्रु शास्त्र यूं तो घर में मछलियों की मौजूदगी पर मौन है, पर वह गृह के अंदर जल के संग्रहण की दिशा पर अवश्य मुखर है. वह जल के संग्रह, उपयोग और बहाव के लिए ईशान्य कोण यानि उत्तर पूर्व दिशा की अनुशंसा करता है. यहां कांच व दर्पण की उपस्थिति भी शुभ मानी जाती है। इन सबको आप अक्वेरियम से जोड़ कर देख सकते हैं.

सवाल- 10 महीनों में मेरे दो संबंध टूट गए। मैं बहुत दुखी हूं। शादी का योग कब तक है.
प्रियंका विश्वकर्मा, जन्म तिथि- 19.12.1997, जन्म समय- 20.06, जन्म स्थान- सीतामढ़ी.

जवाब- सदगुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि कन्या और लग्न कर्क है. आपके पति भाव के स्वामी शनि शत्रु बृहस्पति की राशि मीन में भाग्य भाव में गतिशील है, वहीं पति भाव में मंगल, बृहस्पति और शुक्र विराज कर व्यक्तिगत संबंधों का बँटाधार कर रहे हैं. यह स्थिति रिश्तों में सतर्क रहने की चुग़ली कर रही है. इस समय आप राहू की महादशा में चंद्रमा की अंतर्दशा भोग रही हैं. विधाता का संकेत है कि आपके विवाह के लिए अनुकूल काल आरंभ हो चुका है. 1व.05.2021 से आरंभ होने वाला काल निश्चित रूप से वैवाहिक दृष्टि से आपके लिए अच्छी ख़बर लेकर आ रहा है.

सवाल- मेरे घर की दीवार पर पीपल उग आया है. किसी नें इसे बेहद अशुभ और सौभाग्य नाशक बताया है. कहते हैं इसे निकालना पाप है. क्या करूं.
– रमेश मांझी

जवाब-सदगुरुश्री कहते हैं कि किसी प्राचीन ग्रंथ में इसके सीधे सीधे अशुभ होने या सौभाग्य के नाश का कोई उल्लेख नही मिलता है, इसलिए मैं इस सुनी सुनाई अवधारणा को तो साफ साफ खारिज़ करता हूं. हाँ, मान्यताएं अवश्य ही इसे शुभ नही मानती। इस कही सुनी अवधारणा के मानने वालों के पास कोई तर्क नहीं है। पर मैं इसे दुर्भाग्य कारक न मान कर सीधे सीधे घर की दरो दीवार की कमज़ोरी से जोड़ कर देखता हूं. मेरी सलाह है कि सुविधानुसार किसी अच्छे दिन इसे वहाँ से निकल कर किसी खुली जगह में पुनर्प्रत्यारोपित कर दें. सन्देह से बचें.

सवाल- मेरी छोटी भविष्य में दीक्षा लेकर सन्यास लेना चाहती है। मेरे पति भी इसे गंभीरता से ले रहे हैं पर मैं न हाँ कर पा रही हूं, न ना. आपकी क्या सलाह है.
मोनिका जैन, जन्म तिथि-24.01.2014 , जन्म समय-23.26, जन्म स्थान- सासाराम.

जवाब- महज 5 वर्षों की बेटी की मासूम बातों पर इतनी गंभीर चिंतन करने और उस पर परामर्श लेने से मैं बेहद चकित भी हूं और बेचैन भी. बिटिया की यह उम्र वैवाहिक विचार की अनुमति कदापि नही देती. मुझे उसकी कुंडली में उसकी इन मासूम तोतली बातों की सत्यता के कोई सूत्र नज़र नही आते.

( अगर आपके पास भी कोई ऐसी समस्या हो, जिसका आप तार्किक और वैज्ञानिक समाधान चाहते हों, तो कृपया प्रभात खबर के माध्यम से सद्‌गुरु स्वामी आनंद जी से सवाल पूछ सकते हैं. इसके लिए आपको बस इतना ही करना है कि आप अपने सवाल उन्हें सीधे saddgurushri@gmail.com पर भेज सकते हैं. चुनिंदा प्रश्नों के उत्तर प्रकाशित किये जायेंगे. मेल में Subject में प्रभात ख़बर अवश्य लिखें. )

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