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60 घंटे बाद स्वदेश लौटा अपना अभिनंदन, वीडियो रिकार्डिंग के लिए पाक ने रोका था, इसलिए रिहाई में हुई देरी

अटारी /नयी दिल्ली : 60 घंटे के इंतजार के बाद पाकिस्तान ने आखिरकार शुक्रवार की रात 9.22 बजे भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्दमान को भारत को सौंप दिया.अटारी बॉर्डर पर भारतीय वायुसेना के सीनियर अफसरों व बीएसएफ ने वीरता का प्रदर्शन करने वाले पायलट अभिनंदन को रिसीव किया. उनकी वापसी से पहले के कुछ घंटे […]

अटारी /नयी दिल्ली : 60 घंटे के इंतजार के बाद पाकिस्तान ने आखिरकार शुक्रवार की रात 9.22 बजे भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्दमान को भारत को सौंप दिया.अटारी बॉर्डर पर भारतीय वायुसेना के सीनियर अफसरों व बीएसएफ ने वीरता का प्रदर्शन करने वाले पायलट अभिनंदन को रिसीव किया. उनकी वापसी से पहले के कुछ घंटे संशय से भरे रहे. फिर भी बॉर्डर पर जमे लोगों का जोश देखते ही बन रहा था.
लोग ढोल-नगाड़े बजाते हुए ‘अभिनंदन है, अभिनंदन है’ के नारे लगाते रहे थे. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की ओर से अभिनंदन का स्वागत करते हुए कहा कि यह गौरव का क्षण है. पाकिस्तान की सेना उन्हें सड़क मार्ग से इस्लामाबाद से वाया लाहौर वाघा-अटारी बॉर्डर लेकर पहुंची.
इससे पहले अभिनंदन की स्वदेश वापसी पर शुक्रवार को सुबह से रात तक देश की निगाहें वाघा बॉर्डर पर लगी रहीं. वह करीब रात 9: 10 बजे के आसपास पाकिस्तान की तरफ वाघा चेकपोस्ट पर दिखे. उनके साथ पाकिस्तानी रेंजर, इस्लामाबाद में उच्चायोग में भारतीय एयर अताशे मौजूद थे. इसके बाद गर्व से सिर ऊंचा किये अभिनंदन पाकिस्तान से भारत की सीमा में आये.
एयर वाइस मार्शल आरजी के कपूर ने कहा कि वायुसेना के पायलट अभिनंदन को अभी-अभी हमें सौंपा गया है और हम उन्हें वापस पाकर खुश हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रात में बॉर्डर पर अभिनंदन के पहुंचने के बाद कागजी कार्रवाई पूरी की गयी. प्रोसिज्योर के तहत अभिनंदन का मेडिकल चेकअप किया गया.
फिर अटारी बॉर्डर से अभिनंदन को सीधे अमृतसर एयरपोर्ट ले जाया गया, जहां से वह वायुसेना के विशेष विमान से उन्हें दिल्ली ले जाया गया.
उत्साह के इस पल में भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया. भारत के बीटिंग रीट्रीट समारोह कैंसल करने के बाद भी उसने दुनिया को दिखाने के लिए यह प्रोग्राम किया.
इसके खत्म होने के बाद भी कागजी कार्रवाई के नाम पर घंटों की देरी की. पाक की ओर से पहले दोपहर 2-3 बजे के बीच अभिनंदन को सौंपने का समय तय किया गया. फिर पाकिस्तान ने दो बार वक्त बदला और प्रक्रिया को लंबा खींचता गया. अंतत: रात नौ बज कर बाईस मिनट भारतीय पायलट स्वदेश लौटे. पूरे मामले की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण खुद दिल्ली में निगरानी कर रहीं थीं.
मालूम हो कि एक दिन पहले भारत की जवाबी कार्रवाई से घबराये पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने अभिनंदन को छोड़ने की घोषणा की थी. इस कदम को तनाव की स्थिति को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है.
इंतजार के पल
सुबह 11.30 बजे : इस्लामाबाद से लाहौर के लिए सड़क मार्ग से निकले
रात 08.00 बजे : 375 िकमी की दूरी तय कर लाहौर पहुंचे
रात 08.50 बजे : वाघा से आठ किमी दूर पाक आर्मी के बाटा कैंप पहुंचे
रात 09.10 बजे : वाघा बॉर्डर (पाक एरिया) पहुंचे 26 किमी की दूरी तय कर
रात 09.22 बजे : वाघा बॉर्डर से भारतीय सीमा में प्रवेश
रात 10.25 बजे : सड़क मार्ग से अमृतसर पहुंचे
रात 12.05 बजे : वायुसेना के विमान से दिल्ली पहुंचे
आदत : मिग-21 उड़ाना खानदान की परंपरा
विंग कमांडर अभिनंदन वर्दमान के परिवार का मिग 21 लड़ाकू विमान से काफी पुराना रिश्ता रहा है. पिता एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) सिंहकुट्टी वर्दमान भी मिग-21 उड़ा चुके हैं. वह वायुसेना के ‘टेस्ट पायलट’ रहे हैं. उन्हें कई अवॉर्ड मिले हैं. उनके दादा भी भारतीय वायुसेना में थे.
साहस : एफ-16 ढेर करने पर भी नहीं रुके अभियान
27 फरवरी की सुबह दोनों देशों के लड़ाकू विमानों के बीच झड़प में अभिनंदन के मिग-21 ने पाकिस्तानी एफ-16 विमान को मार गिराया था. इस दौरान उनका मिग-21 भी चपेट में आ गया और विमान के गिरने पर वह पैराशूट की मदद से नीचे उतरे, लेकिन वह जहां उतरे वह धरती पीओके की थी, जिसके बाद पाक ने अभिनंदन को हिरासत में ले लिया.
खुशी : माता-पिता के सम्मान में विमान में खड़े हुए यात्री
चेन्नई से दिल्ली जा रहा एक विमान जब शुक्रवार तड़के गंतव्य पर रुका, तो किसी यात्री को जाने की जल्दबाजी नहीं थी. सभी की निगाहें विमान में मौजूद अभिनंदन के माता-पिता पर थीं. यात्रियों ने उनके सम्मान में विमान में ही खड़े होकर तालियां बजायी. एयर मार्शल (रिटायर्ड) एस वर्दमान व डॉ शोभा वर्दमान बेटे को ले जाने के लिए अमृतसर जाने के क्रम में दिल्ली पहुंचे थे. यहां से तुरंत वह तुरंत अमृतसर रवाना हुए, फिर वाघा सीमा पहुंच कर बेटे का स्वागत किया.
टकटकी लगी रही बॉर्डर पर: इंतजार करते रात हो गयी, उत्साह नहीं हुआ कम
शुक्रवार की शाम 4.30 के बाद से रात 9.00 बजे तक घटनाक्रम को लेकर अटारी-वाघा बॉर्डर पर काफी ऊहापोह की स्थिति बनी रही. पहले पाकिस्तान ने खबर दी कि दोपहर तीन बजे तक अभिनंदन को सौंप दिया जायेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. फिर शाम साढ़े पांच बजे खबर आयी की वह अटारी पहुंचने वाले हैं, पर इस बार भी निराशा ही हाथ लगी.
इस तरह शाम ढलने के साथ लोगों का इंतजार बढ़ता गया. रात शुरू होने बाद भी लोग सांसें थाम कर अभिनंदन की एक झलक पाने का इंतजार करते रहे. इस बीच चैनलों पर चर्चा चलती रही कि अभिनंदन को कब व कैसे भारत को सौंपा जायेगा. फिर चर्चा चली कि वह रात आठ बजे तक लाहौर में ही थे. इंतजार के की दौर में रात 9: 10 बजे सरहद पार उनकी झलक दिखी. इसके 12 मिनट बाद ही गर्व से सिर ऊंचा किये विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्तान से गेट पार कर स्वदेश की धरती पर कदम रखा.
प्रक्रिया
भारत लाने से पहले !
अटारी लाने से पहले अभिनंदन को जिनेवा संधि के नियमों के तहत रेड क्रॉस की इंटरनेशनल समिति को सौंपा गया. मीिडया रिपोर्ट के अनुसार समिति ने अभिनंदन का मेडिकल चेकअप किया. इसके बाद हाल-समाचार पूछा गया. फिर कागजी प्रक्रिया हुई.
भारत में आने के बाद !
भारतीय वायु सेना की मेडिकल टीम ने उनका मेडिकल टेस्ट किया. फिर उनसे बातचीत की गयी. इस दौरान खुफिया एजेंसी के सदस्य भी मौजूद थे. इस दौरान उनसे पाकिस्तान द्वारा किये गये व्यवहार व अन्य मुद्दों को लेकर बातचीत हुई. फिर एक रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपी गयी.
विंग कमांडर अभिनंदन आपका अपने घर में स्वागत है. राष्ट्र को आपके अदम्य साहस पर गर्व है. हमारे सशस्त्र बल देश के 130 करोड़ भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

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