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एक जुलाई से आयकर रिटर्न के लिए आधार-पैन जोड़ना जरूरी : सीबीडीटी

नयी दिल्ली : सरकार ने शनिवार को स्पष्ट किया है कि एक जुलाई से आयकर रिटर्न दाखिल करने और स्थायी खाता संख्या (पैन) हासिल करने के लिए आधार और पैन को आपस में जोड़ना ‘अनिवार्य’ होगा. सरकार की तरफ से यह स्पष्टीकरण उच्चतम न्यायालय के इस संबंध में दिये एक फैसले के एक दिन बाद […]

नयी दिल्ली : सरकार ने शनिवार को स्पष्ट किया है कि एक जुलाई से आयकर रिटर्न दाखिल करने और स्थायी खाता संख्या (पैन) हासिल करने के लिए आधार और पैन को आपस में जोड़ना ‘अनिवार्य’ होगा. सरकार की तरफ से यह स्पष्टीकरण उच्चतम न्यायालय के इस संबंध में दिये एक फैसले के एक दिन बाद आया है.
शीर्ष अदालत ने आयकर अधिनियम में किये गये उस प्रावधान को वैध माना है जिसमें पैन कार्ड आवंटन और आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार को अनिवार्य किया गया है. लेकिन, निजता के अधिकार से जुड़े मामले पर संवैधानिक पीठ का फैसला आने तक इसके क्रियान्वयन पर आंशिक स्थगन लगा दिया. आयकर विभाग की नीति निर्माता संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शनिवार को एक वक्तव्य जारी कर स्पष्ट किया है कि उच्चतम न्यायालय ने कल अपने फैसले में केवल उन लोगों को आंशिक राहत दी है जिनके पास आधार नंबर नहीं है अथवा जिन्होंने आधार में पंजीकरण नहीं कराया है, ऐसे में कर अधिकारी उन लोगों के पैन को निरस्त नहीं करेंगे.

सीबीडीटी ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के बारे में तीन बिंदुओं का स्पष्टीकरण जारी किया है. करदाताओं में उच्चतम न्यायालय के फैसले से किसी तरह की आशंका को दूर करने के लिए यह स्पष्टीकरण दिया गया. एक जुलाई 2017 से प्रत्येक व्यक्ति जो आधार पाने का पात्र है उसके लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने या फिर पैन के लिये आवेदन करने में अपने आधार नंबर का उल्लेख अथवा आधार पंजीकरण संबंधी आईडी नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य होगा. सीबीडीटी ने कहा है, ‘एक जुलाई 2017 को जिस भी व्यक्ति को पैन नंबर आवंटित किया गया है और जिस भी व्यक्ति के पास आधार नंबर है या फिर वह आधार नंबर लेने का पात्र है उसे पैन के साथ आधार नंबर जोड़ने के लिए अपना आधार नंबर आयकर प्रशासन को बताना होगा.’

विभाग ने इस बारे में भी स्पष्टीकरण दिया है कि यदि किसी व्यक्ति के पास आधार नंबर नहीं है अथवा आधार नंबर का उल्लेख नहीं किया जाता है तो उसका क्या होगा. इस मामले में विभाग ने कहा है, ‘इस मामले में शीर्ष अदालत ने केवल आंशिक राहत दी है. यह राहत उन लोगों को दी गयी है जिनके पास आधार नहीं है या जो फिलहाल आधार नहीं लेना चाह रहे हैं. ऐसे लोगों के मामले में पैन नंबर निरस्त नहीं किया जायेगा ताकि आयकर अधिनियम के तहत पैन नंबर का उल्लेख नहीं करने संबंधी दूसरे नियमों का खामियाजा उन्हें नहीं भुगतना पड़े.’

एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी ने बताया यदि पैन को निरस्त कर दिया जाता है तो संबंधित व्यक्ति अपने सामान्य बैंकिंग और वित्तीय परिचालन नहीं कर पायेगा इसलिये यह राहत दी गयी है. लेकिन, यह स्पष्ट किया गया है कि एक जुलाई से आयकर रिटर्न दाखिल करने और नया पैन यदि बनाना है तो आधार का उल्लेख करना अनिवार्य होगा. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शीर्ष अदालत के कल के फैसले का कानून मंत्रालय, वित्तीय मंत्रालय, सीबीडीटी और आयकर विभाग के अधिकारियों ने अध्ययन किया है और उसके बाद ही यह स्पष्टीकरण जारी किया गया है.

सरकार ने वित्त अधिनियम 2017 के तहत करदाताओं के लिए आधार नंबर अथवा आधार पंजीकरण आवेदन संख्या को आयकर रिटर्न दाखिल करते समय उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया. इसके साथ ही एक जुलाई 2017 से पैन के लिये आवेदन करने में भी आधार का उल्लेख अनिवार्य कर दिया गया. आयकर विभाग अब तक 1.16 करोड आधार नंबर को पैन के साथ जोड़ चुका है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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