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पनामा पेपर्स लीक :कालेधन की ”ब्लैक लिस्ट” में ”महानायक” अमिताभ और ऐश्‍वर्या भी, पढें किसने क्या कहा

दुनिया भर में पनामा पेपर्स के लीक होने का हल्ला है और इनके बारे में कहा जा रहा है कि यह इतिहास का सबसे बड़ा लीक है. इन दस्तावेजों में 500 से ज्यादा भारतीयों के नाम हैं. यह अभियान इंटरनेशनल कंर्सोटियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आइसीआइजे) के नेतृत्व में चलाया गया था, जिसमें इंडियन एक्सप्रेस भी […]

दुनिया भर में पनामा पेपर्स के लीक होने का हल्ला है और इनके बारे में कहा जा रहा है कि यह इतिहास का सबसे बड़ा लीक है. इन दस्तावेजों में 500 से ज्यादा भारतीयों के नाम हैं. यह अभियान इंटरनेशनल कंर्सोटियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आइसीआइजे) के नेतृत्व में चलाया गया था, जिसमें इंडियन एक्सप्रेस भी शामिल था. कुल मिला कर एक करोड़ पंद्रह लाख के आसपास फाइलों को खंगाला गया था, जिनमें से 36,000 फाइलें भारतीय रिपोर्टरों की नजरों से गुजरीं. 78 देशों की 109 मीडिया कंपनियों के पत्रकारों ने दस्तावेजों की जांच की. पनामा की कानूनी फर्म मोस्साक फोंसेका जिसकी 35 देशों में शाखाएं हैं, दुनिया के पैसे वालों को टैक्स बचा कर पैसा रखने में मदद करती है. इस कंपनी ने कर अधिकारियों से पूंजी को छुपाने में विश्व भर के कई बड़े नेताओं और चर्चित हस्तियों की कथित रूप से मदद की. भारत सरकार ने ‘पनामा लीक्स’ में शािमल भारतीय नामों की जांच के लिए मल्टी एजेंसी ग्रुप का गठन कर दिया है. पनामा सरकार ने भी कहा है कि वह कोई कानूनी कदम उठाये जाने की स्थिति में हर प्रकार की आवश्यक सहायता या हर प्रकार के अनुरोध में पूरी तरह सहयोग करेगी. दस्तावेजों के लीक होने के बाद दुनिया में हलचल मची है.

अमिताभ, ऐश्वर्या, अडाणी, केपी सिंह के नाम आये
नयी दिल्ली : अपनी संपत्ति को छुपाने के लिए टैक्स हैवन देशों की मदद लेने संबंधी जो दस्तावेज (पनामा पेपर्स) लीक हुए हैं, उनमें अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, रियलिटी कंपनी डीएलएफ के ऑनर केपी सिंह और इंडिया बुल्स के समीर गहलोत व उनके परिजनों के नाम भी हैं. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, कभी अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहीम के मददगार रहे इकबाल मिर्ची का नाम भी है, जिनकी तीन साल पहले लंदन में मौत हो चुकी है. इसके अलावा अपोलो टायर के प्रोमोटोर गौतम अडाणी के बड़े भाई विनोद अडाणी का भी नाम है. दस्तावेजों में दो राजनेताओं – प बंगाल के शिशिर बाजोरिया और लोकसत्ता पार्टी के पूर्व दिल्ली इकाई प्रमुख अनुराग केजरीवाल के भी नाम हैं.
पनामा दस्तावेज ऐसे समय में लीक हुआ है, जब भारत में काले धन की जांच को लेकर गठित स्पेशल इंवेस्टिगेटिंग टीम (एसआइटी) अपनी नयी कार्यान्वयन रिपोर्ट को अंतिम रूप देने वाली है. विदेशों में मौजूद संपत्तियों का खुलासा करने के लिए चलायी गयी 90 दिन की योजना के जरिये सिर्फ 3,770 करोड़ रुपये ही सामने आ पाये हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दस्तावेज में 500 भारतीयों के नाम हैं, जिन्होंने टैक्स हैवेन देशों (ऐसे देश, जहां काला धन छुपाया जाता है) में कंपनियां रजिस्टर्ड करायीं.
इंडियन एक्सप्रेस ने भारतीयों से जुड़े करीब 36 हजार दस्तावेजों को खंगालने के क्रम में आठ माह तक लगातार 234 भारतीयों के पासपोर्ट की जांच की. तीन सौ लोगों के पते की तहकीकात की गयी. पंचकुला, देहरादून, बड़ोदरा और मंदसौर के कई व्यापारियों के नाम भी दस्तावेजों में हैं.
अमिताभ बच्चन
दस्तावेज के मुताबिक, 1993 में अमिताभ बच्चन को चार शिपिंग कंपनियों में डायरेक्टर बनाया गया था. इनमें एक सी बल्क शिपिंग कंपनी लिमिटेड को ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड और बाकी तीन -लेडी शिपिंग लिमिटेड, ट्रेजर शिपिंग लिमिटेड और ट्रैंप शिपिंग लिमिटेड को बहामाज में पंजीकृत कराया गया. हालांकि, इन कंपनियों की टर्न ओवर 5000 से 50,000 डॉलर दिखाया गया, लेकिन ये शिपिंग में करोड़ों डॉलर का कारोबार करती थीं. अमिताभ बच्चन इन चारों कंपनियों में मैनेजिंग डायरेक्टर भी थे, जबकि बाकी डायरेक्टर फर्म के कॉरपोरेट और फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर प्रतिनिधि थे. उमेश सहाय और डेविड माइकल पेट ने ये चारों कंपनियां स्थापित कीं थी.
नहीं मिला जवाब :अंगरेजी अखबार का कहना है कि इन कंपनियों के बारे में उसने अमिताभ बच्चन से कई बार इ-मेल, फोन कॉल्स व मोबाइल कॉल्स के जरिये संपर्क किया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया. ट्रैंप शिपिंग बोर्ड के डायरेक्टर पद से अमिताभ बच्चन ने 1997 में इस्तीफा दे दिया था.
ऐश्वर्या राय
लॉ फर्म मोसैक फॉन्सेका के दस्तावेजों से उजागर हुआ है कि फिल्म अभिनेत्री एेश्वर्या राय और उनका परिवार तीन साल तक ऐसी कंपनी का हिस्सा रहे, जो कि टैक्स हैवन ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड में रजिस्टर्ड की गयी थी. ऐश्वर्या राय, उनके पिता कृष्ण राज राय, मां वृंदा राय और भाई आदित्य राय 14 मई, 2005 को एमिक पार्टनर्स लिमिटेड में निदेशक बनाये गये थे. 18 जून, 2005 को इस कंपनी की मीटिंग में एक प्रस्ताव के जरिये एेश्वर्या राय को शेयर होल्डर बना दिया गया. एेश्वर्या ने गोपनीयता बरतने के लिए शेयर होल्डर में अपना नाम भी बदल कर मिसेज ए राय कर लिया. कंपनी ने पांच जुलाई, 2005 की बैठक में इस पर फैसला किया. रिकॉर्ड के मुताबिक, 2008 में अभिषेक बच्चन से शादी के बाद कंपनी को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी थी.
जवाब : ऐश्वर्या राय की मीडिया सलाहकार अर्चना सदानंद ने प्रतिक्रिया में कहा कि यह आइसीआइजे क्या है? यह क्या करता है? क्या यह आधिकारिक संस्था है? हम कैसे मान लें कि इसकी दी जानकारी सही है? आपके पास जो भी जानकारी है, वह सरासर झूठ और फर्जी है.
समीर गहलोत
देश की जानी-मानी रियल्टी कंपनी इंडिया बुल्स के कर्ता-धर्ता समीर गहलोत, उनके भाई नागेंद्र और पिता बलवान सिंह 2014 में तब सुर्खियों में आये थे, जब उन्होंने लंदन के हैनोवर स्कवॉयर में 87444 वर्ग फीट की संपत्ति खरीदी थी. ब्रिटेन की रियल इस्टेट में प्रवेश के पहले समीर ने करनाल, दिल्ली, बहमास और जर्सी की अपनी पारिवारिक कंपनियों के जरिये लंदन की तीन संपत्तियों की खरीद की. उन्होंने अपने परिवार के लाभ के लिए एसजी फेमिली ट्रस्ट बना रखा है, जो करनाल के पते पर रजिस्टर्ड है. इस ट्रस्ट की ट्रस्टी पप्रेचुएल मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के मालिक पूर्व विधायक सुमिता सिंह व उनके पति जगदीप सिंह हैं, जो समीर के सास-ससुर हैं. एसजी फेमिली ट्रस्ट कैलिस इनफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (दिल्ली)और क्लीवेडेल ओवरसीज लिमिटेड (बहमास) की मालिक है. इसके बाद इस ट्रस्ट ने मॉरीशस, यूके और जर्सी में कई छोटी-छोटी कंपनियों का अधिग्रहण किया. 2011 में क्लीवेडेल ओवरसीज लिमिटेड की अधिकृत पूंजी 50 हजार पाउंड थी, जो मार्च, 2013 में बढ़ कर 250 मिलियन पाउंड हो गयी.
जवाब : समीर गहलौत ने कहा है कि कैलिस इन्फ्रास्ट्रक्चर में सारा पैसा एसजी फैमिली ट्रस्ट और मेरे द्वारा ही निवेश किया जाता है़ हमारे विदेश में किये गये सभी निवेश ओवरसीज डायरेक्ट इनवेस्टमेंट्स के रास्ते किये गये हैं और आरबीआइ को इसकी जानकारी दी गयी है़ कैलिस इन्फ्रास्ट्रक्चर की ओर से 2011 में किया गया पहला इनवेस्टमेंट हो या क्लाइवडेल ओवरसीज लिमिटेड (बहामास) की शेयर खरीद, सभी जानकारियां समय-समय पर आरबीआइ को दी जाती रही हैं.
केपी सिंह
देश के सबसे बड़े रीयल एस्टेट ग्रुप डीएलएफ के प्रमोटर केपी सिंह ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में एक कंपनी को खरीदा था. इस कंपनी में उनकी पत्नी इंदिरा केपी सिंह सह शेयरहोल्डर हैं. पिछले साल डीएलएफ सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वॉड्रा के साथ विवादित लैंड डील के कारण चर्चा में आयी थी. केपी सिंह और उनकी पत्नी इंदिरा साल 2013 में ‘विल्डर लिमिटेड’ में शेयरहोल्डर्स बने. दस्तावेजों के मुताबिक, कम से कम दो अन्य कंपनियों को भी साल 2012 में बेटे राजीव सिंह ने और बेटी पिया सिंह ने शुरू की थी. इसमें शेयरहोल्डर उनके परिजन ही थे. सिंह और इंदिरा ने विल्डर के शेयर खरीदने के लिए पहले सितंबर, 2010 में और दूसरी बार अक्तूबर, 2011 में पैसा लगाया. सिंह और इंदिरा को क्रमश: 67 और 71 शेयर दिये गये. इसके बाद अगस्त, 2013 से मार्च 2014 के बीच उन्हें 51 और 53 शेयर अलॉट किये गये. इसी तरह पिया सिंह ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में ‘अल्फा इनवेस्टमेंट्स ग्लोबल लिमिटेड’ नाम से कंपनी रजिस्टर करवायी, जिसमें उनके पति और बच्चे शेयरहोल्डर थे. इस परिवार के कई सदस्य ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स की ‘बेकोन इनवेस्टमेंट्स ग्रुप लिमिटेड’ में शेयरहोल्डर्स हैं.
जवाब : केपी ने अपने जवाब में कहा है कि विदेशी कंपनियों में हमारी ओर से जो भी शेयर खरीदे गये हैं, वे हमारे विदेशी बैंक खातों में उपलब्ध पैसे से किया गया है. कोई भी पैसा भारत से सीधे तौर पर शेयर खरीद के लिए इस्तेमाल नहीं हुआ है. विदेशी सम्पत्ति के तहत इनका ब्योरा हर साल आयकर रिटर्न में दिया जाता है.
मालूम हो कि वर्ष 2003 से पहले भारतीयों को विदेशों में कंपनियां स्थापित करने की अनुमति नहीं थी. वर्ष 2004 में पहली बार व्यक्तिगत रूप से विदेशों में 25 हजार डॉलर सालाना की सीमा तक फंड भेजने की अनुमति दी गयी. एक साल बाद इसे बढ़ा कर ढाई लाख डॉलर कर दिया गया. अगस्त, 2013 में नियम बदला गया और भारतीयों को विदेशों में सब्सिडरी कंपनियां खोलने और संयुक्त उपक्रमों में निवेश की अनुमति मिली, लेकिन जो दस्तावेज लीक हुए हैं, उसके मुताबिक, अधिकतर कंपनियां इसके पहले ही खोली जा चुकी थीं.
टैक्स हैवेन देशों में खोलीं कंपनियां
अमिताभ बच्चन : 1993 में स्थापित चार शिपिंग कंपनियों के डायरेक्टर. तीन बाहामास में और एक बीवीआइ में है. अधिकृत पूंजी पांच हजार डॉलर से 50 हजार डॉलर के बीच है, लेकिन वे लाखों डॉलर का कारोबार करती हैं.
समीर गहलोत : इंडिया बुल्स के मालिक. लंदन की तीन प्रोपर्टी का अधिग्रहण. अभी आवासीय और होटल परियोजनाओं का निर्माण कर रहे हैं.ट्रस्ट बनाया.
ऐश्वर्या राय : ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड की एक फर्म की डायरेक्टर और शेयर होल्डर थीं. एश्वर्या, उनके पिता कृष्ण राज राय, माता वृंदा कृष्ण राज राय और भाई आदित्य राय एमिक पार्टनर्स लिमिटेड के डायरेक्टर के रूप में 2005 में निबंधित हुए.
केपी सिंह : डीएलएफ के प्रोमोटर. 2010 में ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में एक कंपनी का अधिग्रहण. पत्नी इंदिरा केपी सिंह को-शेयरहोल्डर थीं. बेटे-बेटी की भी दो कंपनी.
भारत ने जांच के लिए मल्टी एजेंसी ग्रुप गठित किया
नयी दिल्ली : पनामा पेपर्स लीक के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने घोषणा की है कि भारतीयों द्वारा विदेशों में संचालित गैर कानूनी खातों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. सरकार ने दस्तावेजों की सूचनाओं पर लगातार निगरानी के लिए एक मल्टी एजेंसी ग्रुप गठित किया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर एजेंसियों का समूह गठित किया गया है. इस समूह में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), भारतीय रिजर्व बैंक व वित्त मंत्रालय की वित्तीय आसूचना इकाई (एफआइयू) के अधिकारी शामिल हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा,‘विभिन्न एजेंसियों वाला यह समूह खातों की लगातार निगरानी करेगी और जो भी खाते अवैध पाये जायेंगे, उन पर मौजूदा कानूनों के तहत सख्त कार्रवाई की जायेगी. जेटली ने सोमवार को विदेशों में कालाधन छिपाने वालों को चेतावनी भी दी और कहा कि जिन लोगों ने विदेशों में अपनी अघोषित आय व संपत्तियों का हिसाब देने के लिए सरकार द्वारा पिछले साल उपलब्ध कराये गये अवसर का लाभ नहीं उठाया, उन्हें उनका यह खिलवाड़ बहुत महंगा पड़ेगा. उन्होंने कहा कि विदेशों में कालाधन छुपाने वालों के खिलाफ वैश्विक पहल के तहत की जा रही बहुपक्षीय व्यवस्था 2017 तक प्रभावी हो जायेगी और उसके बाद लोगों के लिए अपनी गैर कानूनी संपत्ति बाहर छुपाना बहुत मुश्किल होगा. जेटली ने इस तरह के खुलासे का स्वागत करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में कुछ और नाम भी आ सकते हैं.
पुतिन, जिनपिंग, शरीफ व गद्दाफी भी घेरे में
पेरिस : पनामा की विधि फर्म मोजैक फोंसेका के लीक हुए टैक्स दस्तावेजों से उजागर हुआ है कि दुनिया के 128 बड़े नेताओं ने अपनी संपत्ति छुपाने और कर बचाने के लिए टैक्स हैवेन देशों की मदद ली है. इनमें रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के करीबि‍यों, पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ, मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक, सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद, पाकिस्तान की पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो, लीबिया के पूर्व शासक कर्नल गद्दाफी समेत कई हस्तियों के नाम हैं. दस्तावेजों से पता चला है कि आइलैंड और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की दूसरे देशों में कंपनियां हैं. अजरबैजान के राष्ट्रपति के बच्चे और साउदी अरब के किंग सलमान बिन ने भी टैक्स बचाने के लिए ऑफशोर देशों में कंपनियां बनायी हैं.

पुतिन के करीबियों के नाम

रूस के राष्ट्रपति पुतिन का नाम इस दस्तावेजों में सीधे तौर पर नहीं है, लेकिन उनके करीबियों के नाम हैं. दस्तावेजों के अनुसार पुतिन के करीबियों ने एक बार में 200 मिलियन डॉलर तक का लेन-देन किया, भुगतान को छुपाया, पुरानी तारीख में दस्तावेजों को दिखाया और देश की मीडिया और ऑटोमाबाइल इंडस्ट्री का समर्थन प्राप्त किया. इस संबंध में आइसीआइजे ने क्रेमलिन (राष्ट्रपति मुख्यालय) को सवाल भी भेजा था, जिसका जवाब उन्हें नहीं मिला . इसके विपरीत 28 मार्च को क्रेमलिन ने अपने बयान में कहा कि आइसीअाइजे और उसके सहयोगी पुतिन और उनके करीबियों के खिलाफ दुष्प्रचार की तैयारी में हैं.

इस खेल में बैंक भी शामिल
दस्तावेजों ने इस बात का भी खुलासा किया है कि ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, पनामा और दूसरे टैक्स हेवेन देशों पता नहीं लगने वाली कंपनियों के गठन में सबसे बड़ा हाथ बड़े बैंकों का होता है. दस्तावेजों में 15600 पेपर कंपनियों का जिक्र है, जिन्हें बैंकों ने अपने वैसे ग्राहकों के लिए बनाया, जो अपना वित्तीय लेन-देन गोपनीय रखना चाहते हैं. इनमें से यूबीएस और एचएसबीसी जैसे अंतरराष्ट्रीय बैंकों ने हजारों कंपनियां बनायीं. मेस्सी का भी नाम दस्तावेजों की जांच से फुटबॉल की वैश्विक नियामक संस्थान में भ्रष्टाचार व घोटालों पर नये सिरे से रोशनी पड़ती नजर आ रही है. इसमें खुलासा किया गया है कि फीफा की आचार समिति के एक सदस्य जुआन पेड्रो दमियानी के तीन लोगों के साथ कारोबारी संबंध रहे जिन पर जांच में अभियोग लगाया गया. दस्तावेजों में विश्व के सबसे बेहतर फुटबॉलर लियोनेल मेस्सी का भी नाम है. मेस्सी और उनके पिता पनामा की कंपनी (मेगा स्टार इंटरप्राइज इंक) के मलिक थे.

12 पूर्व व वर्तमान राष्ट्राध्यक्षों के नाम
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नाम इस दस्तावेजों में सीधे तौर पर नहीं है, लेकिन उनके करीबियों के नाम हैं. आरोप है कि चीनी राष्ट्रपति शी िजनपिंग के परिवार का ऑफशोर खातों से संबंध है. इसी तरह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के पिता का भी इसी तरह के खातों से संंबंध है. जांच में दावा किया गया है कि आर्थिक संकट के समय आइलैंड के प्रधानमंत्री के पास बैंक बांडों में लाखों डॉलर की राशि थी. चीन के राष्ट्रपति शी खुद अपने देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा अभियान चला चुके हैं, जिसके तहत कम्युनिस्ट पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा अनाप-शनाप संपत्ति रखने को निशाना बनाया गया था. उनका नाम आना बड़ा खुलासा है.
खुलासे के मायने
लेन-देन पूरी तरह गैरकानूनी न भी हो, तो इन हस्तियों ने टैक्स बचा कर देश को नुकसान पहुंचाया.
मध्यस्थों ने अपने क्लाइंट्स के संदिग्ध लेन-देन को या तो छुपाया या ऑफिशल रेकॉर्ड्स से छेड़छाड़ कर उन्हें सामने नहीं आने दिया.बैंकों, लॉ फर्म्स और ऐसी ही अन्य एजेंसियों ने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया.
ऐसे हुआ इंवेस्टिगेशन
पनामा स्थित लॉ फर्म मोसैक फॉन्सेका से करीब डेढ़ करोड़ दस्तावेज लीक हुए. इस फर्म के 35 से ज्यादा देशों में दफ्तर हैं और यह विदेशों में कंपनी स्थापित करने में मदद करती है. जर्मन अखबार जूटडॉयच ट्सायटूंग ने ये दस्तावेज एक अज्ञात सूत्र से प्राप्त किये और इसे खोजी पत्रकारों के एक अंतरराष्ट्रीय संगठन इंटरनेशनल कन्‍सॉर्शियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्टस (आइसीआइजे) को सौंपा. आइसीआइजे ने दुनिया की 109 से ज्यादा मीडिया कंपनियों के साथ साझेदारी में इंवेिस्टगेशन िकया. ये दस्तावेज लगभग 214000 ऑफशोर इकाइयों से जुड़े हैं. जांच में तकरीबन आठ माह का समय लगा. इसमें भारत की इंिडयन एक्सप्रेस अखबार के 25 रिपोर्टर भी शािमल थे.

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