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Friday, March 29, 2024

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केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा – AI से नहीं जाएगी नौकरी, ऐसे करेंगे रेगुलेट

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आगे कहा कि कृत्रिम मेधा फिलहाल काफी हद तक टास्क ओरिएंटेड है और ऐसी स्थिति से निपटने में सक्षम नहीं है, जहां तार्किकता की जरूरत होती है. कृत्रिम मेधा के मौजूदा स्वरूप से किसी की नौकरी जाने का खतरा नहीं है.

नई दिल्ली : केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशखेर ने शुक्रवार को कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) से किसी की नौकरी जाने का खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत में इसे ऐसे रेगुलेट किया जाएगा, जैसे किसी दूसरी उभरती हुई तकनीक को नियंत्रित किया जाता है. उन्होंने कहा कि या तो वे उपयोक्ता के नुकसान को कम करेंगे अथवा उन्हें काम करने की अनुमति नहीं होगी. सरकार उपयोक्ता के नुकसान को ध्यान में रखते हुए इसे रेगुलेट करेगी. इस तकनीक से हम डिजिटल नागरिकों की सुरक्षा भी कर सकेंगे.

नहीं जाएगी किसी की नौकरी

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आगे कहा कि कृत्रिम मेधा फिलहाल काफी हद तक टास्क ओरिएंटेड है और ऐसी स्थिति से निपटने में सक्षम नहीं है, जहां तार्किकता की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि कृत्रिम मेधा के मौजूदा स्वरूप से किसी की नौकरी जाने का खतरा नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि नौकरी में आम तौर पर तार्किकता की जरूरत पड़ती है और इस मामले में कृत्रिम मेधा इतना उन्नत नहीं है.

भारत में तेजी से हो रहा 5जी का विस्तार

उन्होंने कहा कि भारत मोबाइल इंटरनेट और डेटा के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है. दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले में भारत में इसकी कीमत सबसे कम है. उन्होंने कहा कि जब भारत के दूरस्थ इलाकों में भी तकनीक के जरिए सशक्तीकरण का अनुभव किया जा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि भारत में 5जी तेजी से अपना विस्तार कर रहा है.

Also Read: हिंदी को अपनानी होगी कृत्रिम मेधा : मुरलीधरन

पीएम मोदी से मिले ऑल्टमैन

उधर, खबर यह भी है कि चैटजीपीटी की निर्माता कंपनी ओपनएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सैम ऑल्टमैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. इस मुलाकात के दौरान भारत में कृत्रिम मेधा को रेगुलेट करने को लेकर चर्चा हुई. बैठक के बाद एक ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उपयोगी बातचीत के लिए ऑल्टमैन का धन्यवाद. भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने में कृत्रिम मेधा की क्षमता वास्तव में विशाल है और वह भी विशेष रूप से युवाओं के बीच. हम उन सभी सहयोग का स्वागत करते हैं जो हमारे नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए हमारे डिजिटल बदलाव को गति दे सकते हैं.

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