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टेरर फंडिंग मामला: NIA कोर्ट ने कहा- इंजीनियर राशिद ने सरकार और सेना के खिलाफ असंतोष फैलाने की कोशिश की

NIA कोर्ट ने कहा कि जम्मू- कश्मीर के पूर्व विधायक इंजीनियर रशिद ने संक्षिप्त लेकिन धमकी भरे संदेश भेजकर भारत सरकार और सशस्त्र बलों के खिलाफ असंतोष भड़काने की कोशिश की.

NIA court, Terror funding case: टेरर फंडिंग मामले में NIA कोर्ट ने शनिवार को एक वीडियो देखने के बाद कहा कि जम्मू- कश्मीर के पूर्व विधायक इंजीनियर राशिद (Engineer Rashid) ने संक्षिप्त लेकिन धमकी भरे संदेश भेजकर भारत सरकार(GOI) और सशस्त्र बलों के खिलाफ असंतोष भड़काने की कोशिश की. जम्मू और कश्मीर के पुलिस बलों को, उन्हें अपने अधिकारियों के आदेशों का पालन न करने के लिए प्रोत्साहित किया. पूर्व विधायक इंजीनियर रशिद ये कहते हुए जम्मू और कश्मीर के पुलिस बलों को भड़काया कि अपने अधिकारियों के आदेशों का पालन न करें क्योंकि उन आदेशों को स्वीकार करना अपने ही भाइयों पर अत्याचार करना होगा.

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भारत सरकार के लिए एक चुनौती

न्यूज एजेंसी एएनआई के खबर के मुताबिक एनआईए कोर्ट ने आरोप तय करने का आदेश दिया है. एएनआई कोर्ट ने कहा कि पूर्व विधायक ने भारतीय सेना के खिलाफ जम्मू और कश्मीर के पुलिस कर्मियों के बीच असंतोष की भावना को भड़काने की कोशिश की, जो सीधे तौर पर स्थापित कानून के अनुसार भारत सरकार के लिए एक चुनौती है.

इंजीनियर राशिद के पत्थरबाजों से संबंध

एनआईए कोर्ट ने कहा कि ऐसे गवाह भी मौजूद हैं जिन्होंने इंजीनियर राशिद के पत्थरबाजों के साथ संबंध होने की बात की है जो दर्शाता है कि उसके शब्दों को कैसे लिया जाता है और वह अपने भाषण में कही गई बातों पर कैसे अमल करता है. एनआईए के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह, ने कहा कि मुझे लगता है कि यह सबूत प्रथम दृष्टया आरोपी शब्बीर शाह, यासीन मलिक और इंजीनियर राशिद के लिए पर्याप्त है. इसके अलावा ये आतंकी गतिविधियों के लिए सीधे तौर पर फंड के प्राप्तकर्ता हैं.

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