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पहली बार किसी महिला को दी जाएगी फांसी, जानिए लव कनेक्शन जिसमें 7 लोगों को कुल्हाड़ी से काट डाला था

शबनम ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. पर सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को जारी रखा. इसके बाद शबनम ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी. पर राष्ट्रपति भवन से भी उसकी दया याचिका को खारिज कर दिया गया था. बता दे कि मथुरा जेल ही देश का एक मात्र ऐसा जेल हैं जहां महिला को फांसी दी जा सकती है. मथुरा जेल में 150 साल पहले फांसी घर बनाया गया था.

आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी की सजा दी जायेगी. फांसी की सजा पा चुकी महिला का नाम शबनम है, जिसने कुल्हाड़ी से काटकर सात लोगों की हत्या की थी. मरने वाले सभी लोग उसके परिवार के थे. मथुरा जेल में शबनम को फांसी दी सकती है. इसकी तैयारी की जा रही है. शबनम उत्तर प्रदेश के अमरोहा की रहने वाली है. शबनम को फांसी देने के लिए तैयार किये जा रहे फांसी घर का जायजा पवन जल्लाद ने लिया है. पवन जल्लाद वही शख्स है जिसने निर्भया कांड के दोषियों को फांसी पर लटकाया था.

शबनम ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. पर सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को जारी रखा. इसके बाद शबनम ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी. पर राष्ट्रपति भवन से भी उसकी दया याचिका को खारिज कर दिया गया था. बता दे कि मथुरा जेल ही देश का एक मात्र ऐसा जेल हैं जहां महिला को फांसी दी जा सकती है. मथुरा जेल में 150 साल पहले फांसी घर बनाया गया था.

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फिलहाल शबनम बरेली के जेल में बंद है. जबकि उसका प्रेमी सलीम जिसके साथ मिलकर शबनम ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था वो आगरा जेल में बंद है. जेल अधीक्षक के मुताबिक अभी तक फांसी की तारीख का एलान नहीं हुआ है. डेथ वारंट आते ही शबनम और सलीम को फांसी दे दी जायेगी. रस्सी का ऑर्डर दे दिया गया है. हालांकि सलीम को फांसी कहां दी जायेगी यह अभी तक तय नहीं किया गया है.

यह मामला 2008 का है जब उत्तर प्रदेश के अमरोहा में बानखेड़ी गांव के शिक्षक शौकत अली बेटा अनीस, राशिद, बहू अंजुम और इकलौती बेटी शबनम के साथ रहते थे. इनका एक हंसता खेलता परिवार था. शबनम के पिता ने अपनी बेटी को बड़े लाड़-प्यार से पाला था. शबनम को अच्छी तालिम दी थी. इसके कारण शबनम को शिक्षामित्र की नौकरी भी लग गयी थी.

पर इस दौरान शबनम को आठवीं पास सलीम से प्यार हो गया. दोनों अलग अलग जाति के मुस्लिम थे इस कारण शादी में अड़चनें आयी जबकि दोनों शादी करना चाहते थे. पर घरवालों को उनका रिश्ता मंजूर नहीं था. शबनम सैफी थी जबकी सलीम पठान था.

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घरवालों के विरोध के बावजूद दोनों ने नहीं मानी और शबनम अपने प्रेमी को घर पर बुलाने लगी. जिसका घरवालों ने विरोध किया. इसके बाद शबनम अपने परिवारवालों को रास्ते से हटाने के लिए उन्हें नींद की गोलियां देने लगी. फिर 14 अप्रैल 2008 को शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर खूनी साजिश रच डाली और नींद में सोये अपने परिवार के सदस्यो की टांगी से काटकर हत्या कर दी. इसके बाद पुलिसिया पूछताछ में सच सामने आ गया. जेल में शबनम को सलीम से एक बच्चा भी हुआ. इसके बाद कानूूनी प्रक्रिया चली और फिर सच सामने आ गया.

Posted By : Pawan Singh

Prabhat Khabar Digital Desk
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