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Sajjan Kumar Case Timeline: अपराध के 41 साल बाद सज्जन कुमार को मिली सजा, जानिए सिलसिलेवार ढंग से पूरा घटनाक्रम

Sajjan Kumar Case Timeline: कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान दो लोगों की हत्या के मामले में मंगलवार (25 फरवरी) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. एक नजर डालते है कि 1984 से लेकर अब तक का घटनाक्रम.

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Sajjan Kumar Case Timeline: साल 1984 में दिल्ली में सिख विरोधी दंगों के दौरान हत्याकांड मामले में दोषी और कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. हालांकि पीड़ित परिजनों और दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी में मानते हुए दोषी के खिलाफ फांसी की सजा मांगी थी. केस को लेकर पुलिस की ओर से दिए दलील में इसे काफी संगीन अपराध कहा गया था. 1984 की इस घटना के खिलाफ मामला साल 1991 में दर्ज किया गया था. सज्जन कुमार के खिलाफ 2 लोगों की हत्या का केस दर्ज हुआ था. एक नजर डालते हैं बीते 41 सालों में मामले का कैसा रहा घटनाक्रम.

  • 1991 में मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई.
  • 8 जुलाई 1994- दिल्ली की अदालत ने अभियोजन शुरू करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं पाए. मामले में कुमार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया.
  • 12 फरवरी 2015- सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया.
  • 21 नवंबर 2016- एसआईटी ने कोर्ट से कहा कि मामले में आगे जांच की जरूरत है.
  • 6 अप्रैल 2021- सज्जन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया.
  • 5 मई 2021- पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया.
  • 26 जुलाई 2021- कोर्ट ने अदालत ने आरोपपत्र पर संज्ञान लिया.
  • 1 अक्टूबर 2021- कोर्ट ने आरोपों पर बहस शुरू की. हालांकि सज्जन कुमार ने सभी आरोपों से इनकार कर दिया था.
  • 16 दिसंबर- सज्जन कुमार पर कोर्ट ने हत्या, दंगा और अन्य अपराधों के आरोप तय किए.
  • 31 जनवरी 2024- कोर्ट ने अंतिम दलीलें सुनना शुरू किया.
  • 8 नवंबर 2024- अदालत ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
  • 12 फरवरी 2025: कोर्ट ने सज्जन कुमार को दोषी ठहराया.
  • 25 फरवरी 2025- सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा दी गई.

नानावटी आयोग ने की थी हिंसा और उसके बाद की घटनाओं की जांच

दिल्ली हिंसा और उसके बाद की घटनाओं की जांच के लिए नानावटी आयोग का गठन किया गया था. समिति की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में दंगों को लेकर 587 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं. इन दंगों में 2,733 लोग मारे गए थे. कुल मिलाकर करीब 240 केस को पुलिस ने कोई सुराग न मिलने के कारण बंद कर दिया. 250 मामलों में आरोपियों को बरी कर दिया गया. केवल 28 मामलों में ही सजा हो सकी, जिनमें लगभग 400 लोगों को दोषी ठहराया गया. सज्जन कुमार सहित करीब 50 लोगों को हत्या के लिए दोषी ठहराया गया.

एक और केस में मिली थी आजीवन कारावास की सजा

80 के दशक में कांग्रेस के प्रभावी नेता रहे सज्जन कुमार 1984 में एक और दो नवंबर को दिल्ली की पालम कॉलोनी में पांच लोगों की हत्या के मामले में भी आरोपी थे. इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वहीं सजा को चुनौती देने वाली उनकी अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. सज्जन कुमार को निचली अदालत की ओर से बरी किये जाने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में एक और अपील भी लंबित है.

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