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Road Safety: सड़क सुरक्षा के लिए अधिकारियों को ट्रेनिंग दे रहा है राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण

सड़क सुरक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने, ब्लैक स्पॉट का पहचान कर उसे दुरुस्त करने, आम लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने और ट्रैफिक नियमों को सख्त बनाने जैसे कदम उठाए गए हैं. सड़क हादसे को कम करने की सोच को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआई) की ओर से देश भर के रोड सेफ्टी ऑडिटर्स, रोड सेफ्टी ऑफिसर और सड़क सुरक्षा से जुड़े अन्य अधिकारियों का एक दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया.

Road Safety: देश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होने के साथ ही सड़क हादसों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. सरकार की ओर सड़क सुरक्षा को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. सड़क सुरक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने, ब्लैक स्पॉट का पहचान कर उसे दुरुस्त करने, आम लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने और ट्रैफिक नियमों को सख्त बनाने जैसे कदम उठाए गए हैं. सड़क हादसे को कम करने की सोच को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआई) की ओर से देश भर के रोड सेफ्टी ऑडिटर्स, रोड सेफ्टी ऑफिसर और सड़क सुरक्षा से जुड़े अन्य अधिकारियों का एक दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया. 


इस कार्यक्रम का आयोजन सेव लाइफ फाउंडेशन के सहयोग से किया गया, जिसमें एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए. कार्यक्रम में रोड सेफ्टी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गयी. जिसमें हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए ड्रोन एनालिटिक्स मॉनिटरिंग सिस्टम, हादसे वाले जगहों की विस्तृत जांच करने के तरीके को बेहतर बनाने, जानवरों की आवाजाही के लिए सेफ कॉरिडोर का निर्माण, हादसे वाली जगहों के लिए अन्य विशेष उपाय अपनाने पर चर्चा की गयी. साथ ही सड़क निर्माण के दौरान सड़क हादसे के सभी पहलुओं की गहन निगरानी करने पर जोर दिया गया.

तकनीक हादसे रोकने में होंगे कारगर


देश में हाल के वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्ग का तेजी से विकास और विस्तार हुआ है. देश में विश्व स्तरीय सड़कों का निर्माण हो रहा है. लेकिन रोड सेफ्टी एक अहम मुद्दा है और इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. गुरुवार को आयोजित ट्रेनिंग कार्यक्रम में अधिकारियों को रोड सेफ्टी के लिए बनायी गयी रणनीति को लागू करने के तरीकों के बारे में बताया गया. रोड सेफ्टी कई पहलुओं से जुड़ा हुआ है, जिसमें गाड़ी चलाने वाले का स्वभाव, सड़क सुरक्षा के तय नियमों की अवहेलना शामिल है. रोड सेफ्टी को आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर बेहतर बनाया जा सकता है. 


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनएचएआई के अधिकारी विशाल चौहान ने कहा कि रोड सेफ्टी को बेहतर करने के लिए तीन महत्वपूर्ण पहलू पर काम करना जरूरी है. सड़क निर्माण में आधुनिक तकनीक का प्रयोग, मानव व्यवहार और वाहन इंजीनियरिंग. सड़क सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिटेल्ड एक्सीडेंट डेटाबेस के कारण ब्लैक स्पॉट की पहचान करने में मदद मिली है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से सड़क सुरक्षा के हालात पहले से बेहतर हुए है. हालांकि जीरो एक्सीडेंट के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी हितधारकों को मिलकर काम करना होगा. सरकार का लक्ष्य वर्ष 2030 तक सड़क हादसों की संख्या में 50 फीसदी की कमी लाना है. 

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