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आजादी के बाद जीडीपी में सबसे बड़ी गिरावट की आशंका, राहुल गांधी बोले- ‘मोदी है तो मुमकिन है’

Rahul gandhi, Rahul gandhi News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना संकट काल के इस दौर में आर्थिक नीतियों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर खासे आक्रामक नजर आ रहे हैं. बुधवार को भी राहुल गांधी ने एक ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने एक रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया और तंजात्मक लहजे में कैप्शन लिखा- मोदी है तो मुमकीन है.

Rahul gandhi, Rahul gandhi News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना संकट काल के इस दौर में आर्थिक नीतियों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर खासे आक्रामक नजर आ रहे हैं. बुधवार को भी राहुल गांधी ने एक ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने एक रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया और तंजात्मक लहजे में कैप्शन लिखा- मोदी है तो मुमकीन है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने पहली बार ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे के साथ सरकार पर हमला बोला है. इससे पहले वे सूट-बूट की सरकार जैसे जुमलों के जरिए सरकार पर हमला बोलते रहे हैं. कांग्रेस नेता ने जो स्क्रीनशॉट शेयर किया है उसमें इसमें इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के हवाले से दावा किया गया है कि जीडीपी ग्रोथ 1947 से भी नीचे जा सकती है.

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क्या कहा नारायणमूर्ति ने

बता दें कि एन आर नारायणमूर्ति ने आशंका जताई है की कोरोना वायरस के चलते इस वित्त वर्ष में देश की आर्थिक गति आजादी के बाद सबसे खराब स्थिति में होगी. इसके पहले तमाम रेटिंग एजेंसियों ने आशंका जताई है कि कोरोना संकट के कारण भारत की जीडीपी में 3 से 9 फीसदी तक की गिरावट आएगी. उन्होंने मंगलवार को एक सेमिनार में कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से देश के करीब 14 करोड़ कर्मचारी प्रभावित हो चुके हैं.

नारायण मूर्ति ने ऐसी एक नयी प्रणाली विकसित करने पर भी जोर दिया, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में प्रत्येक कारोबारी को पूरी क्षमता के साथ काम करने की अनुमति हो. वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये यह सेमिनार इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के ‘इंडिया डिजिटल कन्वर्सेशन के 16वें संस्करण के तहत आयोजित किया गया था.

तकनीकी क्षेत्र की इस हस्ती ने कहा कि ऐसी स्थिति में हम अर्थव्यवस्था को बंद नहीं कर सकते. कुल मिलाकर देश में 14 करोड़ कर्मचारी इस वायरस से प्रभावित हो चुके हैं. इसलिए समझदारी इसी में है कि एक नयी सामान्य स्थिति को परिभाषित किया जाए. यह स्थिति पृथ्वी पर आगे बढ़ते हुए और वायरस से लड़ते हुए अर्थव्यवस्था को वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ाने वाली होनी चाहिए.

Posted By: Utpal kant

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