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Power Crisis: दूर होगा बिजली संकट, विद्युत इकाइयां फिर होंगी शुरू, बंद खदानों से निकाला जाएगा कोयला

Power Crisis: कोयले की कमी से जूझते संयंत्रों को कोयला आपूर्ति के लिए केन्द्र सरकार युद्धस्तर पर जुट गई है. सरकार बंद पड़ी विद्युत उत्पादन इकाइयों को फिर शुरू करने का काम कर रही है. इसके अलावा केन्द्र सरकार बंद पड़ी खदानों से भी कोयला निकालने की कवायद में जुट रही है.

Power Crisis: पूरे उत्तर भारत और दक्षिण भारत के भी कई हिस्सों में एक तरफ गर्मी चरम पर है, तो दूसरी तरफ देश गहरे बिजली संकट (Power Crisis) से जूझ रहा है. ऐसे में गहरे बिजली संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार आपातकालीन प्रावधान लागू कर रही है. केन्द्र सरकार इस कड़ी में कोयला आयात से लेकर घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने की कवायद में लगी है.

केन्द्र सरकार युद्धस्तर पर कर रही है काम

केन्द्र सरकार कोयले (Coal Crisis) की कमी से जूझते संयंत्रों को कोयला आपूर्ति में अब शिद्दत से जुट रही है. हर मोर्चे पर युद्धस्तर से तैयारी की जा रही है. इसके तहत सरकार बंद पड़ी विद्युत उत्पादन इकाइयों को फिर शुरू करने का काम कर रही है. साथ ही बंद पड़ी खदानों से भी कोयला निकालने की कवायद में सरकार जुट रही है.

बढ़ती जा रही है बिजली की मांग

चिलचिलाती गर्मी के बीच देश में पहली बार बिजली की मांग रिकॉर्ड 204 गीगावॉट के पार चली गयी है. बता दें, बीते साल गर्मी में बिजली की मांग 182.5 गीगावॉट तक ही रही थी. लेकिन इस बार बिजली की मांग चरम पर पहुंच गई है. लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने में बिजलीघर अक्षम साबित हो रहे हैं.

देश के 173 तापीय बिजलीघरों में से 106 में कोयले की भारी कमी है. उनके पास तय स्टॉक का 25 प्रतिशत कोयला ही है. घरेलू कोयले का उपयोग करने वाले 150 तापीय बिजलीघरों में से 86 में कोयले की कमी की स्थिति गंभीर है. देश में बिजली की कुल कमी 62.3 करोड़ यूनिट तक पहुंच गयी है.

कोयला उत्पादन बढ़ा

हालांकि, बिजली की बढ़ती मांग के बीच सरकारी कंपनी कोल इंडिया का उत्पादन अप्रैल में 27 फीसदी तक बढ़ा है. उसने अप्रैल में 4.96 करोड़ टन कोयला उत्पादन किया, जिसके महीने के अंत में 5.3 करोड़ टन पहुंचने की उम्मीद है. बीते कुछ सालों में यह अप्रैल का सर्वश्रेष्ठ उत्पादन होगा.

क्यों हुई कोयले की किल्लत

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने कहा है कि, रेलवे मंत्रालय और विद्युत मंत्रालय के बीच तालमेल के अभाव से कोयले की कमी हुई है. इस बीच, बिजलीघरों तक कोयला पहुंचाने के लिए रेलवे एक्शन में आ गया है. उसने 24 मई तक यात्री ट्रेनों के 670 फेरे रद्द किये जाने की अधिसूचना जारी की है. इनमें लंबी दूरी की मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के 500 से अधिक फेरे शामिल हैं. इन ट्रेनों के रद्द होने से कोयला लदी मालगाड़ियों (रेक) की संख्या बढ़ायी जा सकेगी. अभी रोजाना 400 से ज्यादा कोयला रेक का संचालन रेलवे कर रहा है.

Posted by: Pritish Sahay

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