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Pegasus spyware : भारत के पत्रकारों की जासूसी का दावा, शिवसेना ने पीएम मोदी और अमित शाह पर किया हमला

Pegasus spyware : इस्राइली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये मोबाइल फैन हैक कर भारत में पत्रकारों, नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, कारोबारियों की जासूसी की गयी. Pegasus spyware, Pegasus spyware list, NSO, Journalist in Pegasus List, Name in Pegasus List

Pegasus spyware : इस्राइली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये मोबाइल फैन हैक कर भारत में पत्रकारों, नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, कारोबारियों की जासूसी की गयी. दुनिया के 17 प्रमुख मीडिया समूहों की ओर से की गयी साझा छानबीन में यह दावा किया गया है. अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. शिवसेना के सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इजराइल के स्पाईवेयर पेगासस के जरिए पत्रकारों समेत कई लोगों की कथित जासूसी के मुद्दे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए.

क्या कहा राउत ने : राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह दिखाता है कि देश की ‘‘सरकार और प्रशासन कमजोर है. लोगों के बीच भय का माहौल है. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के खुफिया जासूसी साफ्टवेयर पेगासस के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों.

भारत के अलावा कई अन्य देश की भी जासूसी : मीडिया रिपोर्ट की मानें तो भारत के अलावा कई अन्य देशों में भी इस स्पाइवेयर के जरिये जासूसी की गयी. लीक हुए डेटाबेस से पता चला है कि 50 हजार से ज्यादा मोबाइल नंबरों की जासूसी ऐसे देशों के जरिये की गयी, जो पेगासस स्पाइवेयर बनानेवाली कंपनी एनएसओ ग्रुप की सेवाएं लेते हैं. यह डेटाबेस पेरिस के एक मीडिया संगठन फॉरबिडेन स्टोरीज और मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल को मिला, जिसे कई अखबारों व न्यूज पोर्टल के साथ साझा किया गया.

300 से ज्यादा भारतीय मोबाइल नंबर : जांच में सहयोगी ‘द वॉयर’ का दावा है कि इस सूची में 300 से ज्यादा ऐसे भारतीय मोबाइल नंबर शामिल हैं, जिन्हें सत्यापित कर लिया गया है. इन नंबरों का इस्तेमाल मंत्री, विपक्षी नेता, पत्रकार, कानूनी बिरादरी, कारोबारी, सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, एक्टिविस्ट व अन्य लोग करते हैं. डेटाबेस में जो भारतीय मोबाइल नंबर हैं, उनमें से 40 वरिष्ठ पत्रकारों के हैं. तीन बड़े विपक्षी नेताओं, संवैधानिक पद पर आसीन एक व्यक्ति, दो वर्तमान केंद्रीय मंत्रियों के नंबरों की भी जासूसी की गयी. वहीं इस्राइल के एनएसओ ग्रुप ने एक बयान जारी कर कहा कि वह अपने ग्राहकों को दिये गये स्पाइवेयर को संचालित नहीं करता और वे जो डेटा इकट्ठा करते हैं उस तक उसकी पहुंच नहीं होती.

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इधर, केंद्र ने कहा- अपने नागरिकों की निजता की रक्षा के लिए भारत प्रतिबद्ध : केंद्र सरकार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे भारतीय लोकतंत्र और उसकी संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश बताया. सरकार पर जासूसी के जो आरोप लगाये गये हैं, उनका कोई ठोस आधार नहीं है. सरकार ने कहा कि भारत में जीवंत लोकतंत्र है, जो अपने सभी नागरिकों के निजता के अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. इसी सिलसिले में पर्सनल डाटा बिल-2019 लाया गया है और नये आइटी नियम लागू किये गये हैं.

भाषा इनपुट के साथ

Posted By : Amitabh Kumar

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