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संसद भवन पहुंचे पीएम मोदी, कहा- यह जीत युवाओं, महिलाओं, किसानों के साथ-साथ गरीबों की भी

PM Modi. संसद के शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने पीएम नरेंद्र मोदी संसद भवन पहुंच चुके हैं. संसद परिसर में उन्होंने मीडिया से बात की और तीन राज्यों में जीत का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह जीत युवाओं महिलाओं और किसानों के साथ-साथ गरीबों की है.

PM Modi: संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है. इस अवसर पर पहले दिन शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने पीएम मोदी संसद भवन पहुंच चुके हैं. संसद भवन पहुंचकर उन्होंने मीडिया को संबोधित किया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने तीन राज्यों में जीत का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह जीत युवाओं महिलाओं और किसानों के साथ-साथ गरीबों की है. उन्होंने कहा कि चारों राज्यों के नतीजे उत्साहवर्धक रहे. सर्दी धीरे-धीरे बढ़ रही है जबकि राजीतिक गर्मी तेजी से बढ़ रही है. पराजय पर विपक्ष को गुस्सा नहीं करना चाहिए.

‘मिली पराजय का गुस्सा ना निकालें’

साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विपक्षी दलों से आग्रह किया कि संसद के शीतकालीन सत्र में वे, विधानसभा चुनावों में मिली पराजय का गुस्सा ना निकालें बल्कि उससे सीख लेते हुए नकारात्मकता को पीछे छोड़ें और सकारात्मक रूख के साथ आगे बढ़ें. सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यदि विपक्षी दल ‘विरोध के लिए विरोध’ का तरीका छोड़ दें और देश हित में सकारात्मक चीजों में साथ दें तो देश के मन में उनके प्रति आज जो नफरत है, हो सकता है वह मोहब्बत में बदल जाए.

‘देश ने नकारात्मकता को नकारा’

चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों को ‘बहुत ही उत्साहवर्धक’ करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘देश ने नकारात्मकता को नकारा है. सत्र के प्रारंभ में विपक्ष के साथियों के साथ हमारा विचार-विमर्श होता है. हमारी टीम उनसे चर्चा करती है. मिलकर के सबके सहयोग के लिए हम हमेशा प्रार्थना करते हैं. इस बार भी इस प्रकार की सारी प्रक्रियाएं कर ली गई हैं.’’

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पीएम मोदी ने कहा, ‘‘सार्वजनिक रूप से हमेशा हमारे सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि लोकतंत्र का यह मंदिर जन आकांक्षाओं के लिए, विकसित भारत की नयी राह को अधिक मजबूत बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण मंच है. मैं सभी सांसदों से आग्रह कर रहा हूं कि वह ज्यादा से ज्यादा तैयारी करके आएं तथा सदन में जो भी विधेयक रखे जाएं, उन पर गहन चर्चा हो.’’ उन्होंने कहा कि एक सांसद जब सुझाव देता है तो उसमें जमीनी अनुभव का उत्तम तत्व होता है लेकिन अगर चर्चा ही नहीं होती है तो देश को इसका नुकसान होता है.

‘विपक्ष में जो बैठे हुए साथी हैं उनके लिए यह स्वर्णिम अवसर’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘अगर मैं वर्तमान चुनाव नतीजे के आधार पर कहूं तो विपक्ष में जो बैठे हुए साथी हैं उनके लिए यह स्वर्णिम अवसर है. इस सत्र में पराजय का गुस्सा निकालने की योजना बनाने के बजाय, इस पराजय से सीखकर, पिछले 9 साल में चलाई गई नकारात्मकता की प्रवृत्ति को छोड़कर, इस सत्र में अगर सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ेंगे तो देश उनकी तरफ देखने का दृष्टिकोण बदलेगा.’’ मोदी ने कहा कि वे विपक्ष में हैं फिर भी वह उन्हें सकारात्मक सुझाव दे रहे हैं कि सकारात्मक के साथ ही हर किसी का भविष्य उज्जवल है.

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उन्होंने कहा, ‘‘निराश होने की जरूरत नहीं है. लेकिन कृपा करके बाहर की पराजय का गुस्सा सदन में मत उतारना. हताशा, निराशा होगी… आपके साथियों को दम दिखाने के लिए कुछ न कुछ करना भी पड़ेगा…लेकिन कम से कम लोकतंत्र के इस मंदिर को वह मंच मत बनाइए.’’ पीएम मोदी ने कहा कि वह अपने लंबे अनुभव के आधार पर कह रहे हैं कि आप (विपक्ष) थोड़ा सा अपना रुख बदलिए और विरोध के लिए विरोध का तरीका छोड़ दीजिए.

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उन्होंने कहा, ‘‘देश हित में सकारात्मक चीजों का साथ दीजिए. जो कमियां है उन पर चर्चा कीजिए. आप देखिए, देश के मन में आज जो (विपक्ष के प्रति) नफरत पैदा हो रही है… हो सकता है वह मोहब्बत में बदल जाए. तो मौका है यह. इसे जाने मत दीजिए.’’ प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से संसद सत्र में सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि इसी में उनकी भलाई है कि वह देश को सकारात्मकता का संदेश दें. उन्होंने कहा, ‘‘आपकी छवि नफरत की और नकारात्मकता की बने, यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. लोकतंत्र में विपक्ष भी महत्वपूर्ण और मूल्यवान है. उसे सार्म्थयवान भी होना चाहिए. लोकतंत्र की भलाई के लिए मैं फिर से अपनी भावना को प्रकट करता हूं.’’

सोर्स : भाषा इनपुट

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