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कैसे रुकेगी वैक्सीन की बर्बादी? केंद्र सरकार ने वैक्सीनेटर के लिए जारी की नई गाइडलाइन, जानिए क्या कहा…

सरकार की ओर से कोरोना रोधी टीके की बर्बादी को रोकने के लिए नई गाइडलाइन तब जारी की गई है, जब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से वैक्सीन की बर्बादी को 1 फीसदी से कम रखने की अपील गैर-वाजिब और व्यावहारिक नहीं है. केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में वैक्सीनेटर को सलाह दी गई है कि वह टीके की प्रत्येक वायल को खोलने की तारीख और समय को चिह्नित करके रखे. इसके साथ ही, वह वैक्सीन के वायल को खोलने के 4 घंटे के अंदर उसका इस्तेमाल कर ले. ऐसा करने पर वैक्सीन की बर्बादी 1 फीसदी या उससे भी कम होने की उम्मीद है.

New Guidelines : देश में कोरोना रोधी टीके की बर्बादी को रोकने के लिए शुक्रवार को केंद्र सरकार की ओर से नई गाइडलाइन जारी की गई. टीकों की बर्बादी रोकने के लिए जी-जान से जुटी सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीकों की खुराक का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए निर्देश जारी किए हैं. इसमें सरकार ने राज्यों से टीके की वायल खुलने के 4 घंटे के अंदर उसके इस्तेमाल को सुनिश्चित करने पर जोर दिया है.

सरकार की ओर से कोरोना रोधी टीके की बर्बादी को रोकने के लिए नई गाइडलाइन तब जारी की गई है, जब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से वैक्सीन की बर्बादी को 1 फीसदी से कम रखने की अपील गैर-वाजिब और व्यावहारिक नहीं है. केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में वैक्सीनेटर को सलाह दी गई है कि वह टीके की प्रत्येक वायल को खोलने की तारीख और समय को चिह्नित करके रखे. इसके साथ ही, वह वैक्सीन के वायल को खोलने के 4 घंटे के अंदर उसका इस्तेमाल कर ले. ऐसा करने पर वैक्सीन की बर्बादी 1 फीसदी या उससे भी कम होने की उम्मीद है.

सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि इस शताब्दी के दौरान चिकित्सा के क्षेत्र में कोरोना महामारी एक अभूतपूर्व घटना है और इसी का नतीजा है कि पूरी दुनिया में लोगों के बातचीत और आपसी व्यवहार करने के तरीकों में बदलाव आ गया है. आबादी केा कोरोना के संक्रमण, उससे होने वाली मौत और बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण करना बेहद जरूरी है. महामारी को समाप्त करने के लिए लोगों तक सुरक्षित और प्रभावी तरीकों से टीका का पहुंचना बहुत जरूरी है.

गाइडलाइन में सरकार ने कहा है कि वैक्सीन बनाने में बहुत समय लगता है और तब तक इन टीकों की मांग आपूर्ति से कई गुना अधिक बढ़ जाती है. ऐसे में, इसकी निगरानी करना बहुत जरूरी हो जाता है. महामारी के समाप्त करने के लिए इस महत्वपूर्ण हथियार का होशियारी से इस्तेमाल करना उससे भी कहीं अधिक जरूरी है.

सरकार ने आगे कहा है कि किसी भी बर्बादी को रोकने का मतलब अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन की खुराक लगाना और कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करना है. वैक्सीन की बची हुई खुराक से कई और व्यक्ति को टीका लगाया जा सकता है. भारत इनबिल्टविन (इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) सिस्टम के साथ कोरोना वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (कोविन) का इस्तेमाल कर रहा है, जो एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है. यह पोर्टल न केवल लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन करता है, बल्कि टीकों को भी ट्रैक करता है और राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर 29,000 कोल्ड चेन पॉइंट्स पर टीकों के भंडारण तापमान की वास्तविक समय की निगरानी की सुविधा प्रदान करता है.

फिलहाल, इस्तेमाल किए जा रहे कोरोना टीकों की ‘ओपन वायल पॉलिसी’ नहीं है यानी वायल को खोलने के बाद एक निर्धारित समय के भीतर इसका उपयोग करना होगा. ऐसे में वैक्सीनेटर को सलाह दी जाती है कि वह प्रत्येक वायल को खोलने की तारीख और समय को चिह्नित करें और सभी टीकों की खुली वायल को खोलने के 4 घंटे के भीतर इस्तेमाल कर ले. कई राज्यों ने इस तरह से कोरोना टीकाकरण का आयोजन किया है, जिससे न केवल उसकी बर्बादी पर रोक लगी है, बल्कि वे एक वायल से अधिक से अधिक डोज देने में भी सक्षम हैं.

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Posted by : Vishwat Sen

Prabhat Khabar Digital Desk
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