Post Office Fraud: महाराष्ट्र के रत्नागिरी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने डाक विभाग के एक कर्मचारी गजानन परसराम गुट्टे के खिलाफ केस दर्ज किया है. डाक विभाग के कर्मचारी पर सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के 260 निष्क्रिय बचत खातों से 63 लाख रुपये के गबन का आरोप लगा है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
क्या है पूरा मामला
सीबीआई ने बताया कि गजानन परसराम गुट्टे नाम के शख्स ने साल 2018 से 2020 के बीच अंजरला उप-डाकघर में अपनी पदस्थापना के दौरान जाली निकासी वाउचर तैयार कर लिया. इस वाउचर में उन लाभार्थियों के नकली हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान लगे थे जिनका या तो निधन हो गया या जो वृद्ध होने की वजह से नियमित रूप से डाकघर आने में असमर्थ थे.
बचत बैंक खातों से की निकासी
गजानन परसराम गुट्टे ने डाकघर की संजय गांधी योजना, श्रवण बाल योजना और इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन योजना जैसी सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के बचत बैंक खातों को अपना निशाना बनाया. सीबीआई के अधिकारियों के अनुसार, खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी के कारण केंद्रीय बैंकिंग सॉफ्टवेयर फिनेकल को चलाने में असमर्थता का हवाला देते हुए उसने आसानी से धन का गबन कर लिया.
ऐसे हुआ इतने बड़े गबन का पर्दाफाश
सीबीआई ने गुट्टे के खिलाफ जो प्राथमिकी दर्ज की है उसके मुताबिक नेटवर्क की समस्या के कारण जो काम लंबित था उसे पूरा करने के लिए वह काम के घंटों के बाद अक्सर दूसरे कार्यालय जाया करता था.फिनेकल में बचत बैंक खातों से संबंधित काम को पूरा करने के लिए उसने डाक सहायक और उप-पोस्टमास्टर की यूजर आईडी का इस्तेमाल किया और सारा काम खुद किया. प्रधान कार्यालय और मंडल कार्यालय की ओर उच्च मूल्य निकासी की निगरानी के निर्देश जारी किए जाने के बाद उसकी जालसाजी का पर्दाफाश हुआ.
भाषा इनपुट के साथ