Namaz Banned: रमजान का आखिरी जुमा यानी अलविदा जुमा इस बार 28 मार्च को मनाया जा रहा है. इसके साथ ही ईद-उल-फितर की तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं. अलविदा जुमा और ईद को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन ने पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. खासतौर पर सड़क पर नमाज अदा करने पर पूर्णत: रोक लगा दी गई है. मेरठ प्रशासन ने सख्ती से आदेश दिया है कि किसी भी सूरत में सड़क पर नमाज नहीं होगी. अगर किसी ने इस आदेश का उल्लंघन करने की कोशिश की, तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा. साथ ही ऐसे व्यक्ति का पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.
जयंत चौधरी ने उठाए सवाल, ऑरवेलियन पुलिसिंग से की तुलना (Namaz Banned on Road in Meerut)
केंद्र सरकार में मंत्री और एनडीए सहयोगी जयंत चौधरी इस फैसले से नाराज नजर आए. उन्होंने इस आदेश की आलोचना करते हुए इसे ‘ऑरवेलियन 1984 पुलिसिंग’ से तुलना की. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “पुलिसिंग टूवर्ड्स ऑरवेलियन 1984.” उनका इशारा जॉर्ज ऑरवेल के चर्चित उपन्यास 1984 की ओर था, जिसमें सत्तावादी निगरानी और पुलिस व्यवस्था का उल्लेख है.
164 ईदगाह और 515 मस्जिदों में होगी नमाज, सख्त सुरक्षा इंतजाम (Namaz Banned on Road in Meerut)
मेरठ प्रशासन ने बताया कि 164 ईदगाह और 515 मस्जिदों में अलविदा जुमा और ईद की नमाज अदा की जाएगी. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सभी थाना क्षेत्रों में शांति समिति की बैठक कराने का निर्देश दिया गया है. संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी. इसके अलावा, खुफिया विभाग को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके.
मेरठ रेंज के 4 जिलों में सख्त निगरानी, 205 संवेदनशील स्थान चिन्हित (Namaz Banned on Road in Meerut)
मेरठ रेंज के चार जिले – मेरठ, बागपत, हापुड़ और बुलंदशहर में अलविदा जुमा और ईद को लेकर कड़ी सुरक्षा के निर्देश दिए गए हैं. चारों जिलों में 471 ईदगाह और 1370 मस्जिदों में नमाज होगी. इसके अलावा, 205 संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां विशेष निगरानी रखी जाएगी. 23 जोन और 79 सेक्टर बनाए गए हैं. हर जोन की जिम्मेदारी सीओ और मजिस्ट्रेट को सौंपी गई है, जबकि सेक्टर की निगरानी थाना प्रभारी करेंगे.
64 क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) तैनात, पुलिस करेगी फ्लैग मार्च (Namaz Banned on Road in Meerut)
चार जिलों में 64 क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) को तैनात किया गया है, जो किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करेंगी. क्लस्टर व्यवस्था लागू कर दी गई है. पुलिसकर्मियों को बॉडी प्रोटेक्टर और हेलमेट के साथ ड्यूटी करने के आदेश दिए गए हैं.
मेरठ के एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने कहा कि अलविदा जुमा और ईद को लेकर पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. उन्होंने बताया कि संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च भी किया गया है. अगर किसी ने सड़क पर नमाज अदा करने की कोशिश की तो मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ऐसे व्यक्तियों का पासपोर्ट और लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.
ईद को लेकर डीएम से मुलाकात, सफाई और सुरक्षा की मांग (Namaz Banned on Road in Meerut)
शाही ईदगाह में ईदगाह प्रबंधन समिति की बैठक कारी शफीकुर्रहमान कासमी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें ईद-उल-फितर की नमाज के समय को लेकर चर्चा की गई. शहर काजी डॉ. जैनुस सालिकीन सिद्दीकी की मौजूदगी में ईदगाह में नमाज का समय तय किया गया. ईद के दौरान सुरक्षा, सफाई और बिजली-पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग को लेकर शहर काजी ने डीएम डॉ. वीके सिंह से मुलाकात की. डीएम ने प्रतिनिधिमंडल को सभी आवश्यक इंतजाम कराने का आश्वासन दिया.
शहर काजी ने भाईचारे की अपील की (Namaz Banned on Road in Meerut)
सदर बाजार रजबन में आयोजित एक कार्यक्रम में शहर काजी डॉ. जैनुस सालिकीन सिद्दीकी ने लोगों से आपसी सौहार्द और भाईचारे के साथ ईद मनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि मस्जिद और ईदगाह से हमेशा अमन और शांति का संदेश दिया जाता रहा है. उन्होंने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि इस बार भी ईद को मिलजुलकर मनाया जाए.
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