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Modi Cabinet Reshuffle : बिहार और यूपी से इन्हें मिलेगी मोदी कैबिनेट में जगह ? 8 जुलाई तक सारी बैठक रद्द

Modi Cabinet Reshuffle : बुधवार यानी 7 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला कैबिनेट विस्तार हो सकता है. ऐसी खबरें मीडिया में चल रही है. खबरों की मानें तो 20 से ज्यादा नए चेहरे मोदी कैबिनेट में नजर आ सकते हैं. इन कयासों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ बैठक की है. इस बैठक को मंत्रिपरिषद विस्तार से जुड़े ब्यौरे को अंतिम रूप देने से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

Modi Cabinet Reshuffle : बुधवार यानी 7 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला कैबिनेट विस्तार हो सकता है. ऐसी खबरें मीडिया में चल रही है. खबरों की मानें तो 20 से ज्यादा नए चेहरे मोदी कैबिनेट में नजर आ सकते हैं. इन कयासों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ बैठक की है. इस बैठक को मंत्रिपरिषद विस्तार से जुड़े ब्यौरे को अंतिम रूप देने से जोड़कर भी देखा जा रहा है. इस बीच कैबिनेट विस्तार पर पीएम मोदी के घर आज शाम होने वाली बैठक रद्द कर दी गई है.

मीडिया में चल रही खबर के अनरुसार अगले 24-48 घंटों में कैबिनेट में बदलाव होने की संभावना है. वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने 8 जुलाई तक की पहले से निर्धारित सभी बैठकें टालने का काम किया हैं. साथ ही मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले संभावित मंत्रियों को दिल्ली आमंत्रित किया गया है.

मोदी कैबिनेट की बात करें तो इसमें उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा जगह मिलने की उम्मीद है. सूत्रों का कहना है कि जल्द ही मंत्रिपरिषद में फेरबदल होने की ‘प्रबल संभावना’ के बीच शाह और संतोष ने रविवार को प्रधानमंत्री के निवास पर उनके साथ कई घंटों तक चर्चा की. कुछ सूत्रों ने बताया कि शपथ ग्रहण बुधवार तक हो सकता है.

किन्हें मिल सकती है जगह : यदि प्रधानमंत्री फेरबदल करते हैं तो मई, 2019 में प्रधानमंत्री के तौर पर दूसरी पारी शुरू करने के बाद मंत्रिपरिषद का यह पहला विस्तार होता नजर आएगा. असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुशील मोदी उन संभावित लोगों में शामिल माने जा रहे हैं जिन्होंने मोदी मंत्रिपरिषद में जगह मिलने की उम्मीद है. इस फेरबदल में उत्तर प्रदेश को खास तवज्जो पीएम मोदी दे सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि अगले साल की शुरुआत में वहां विधानसभा चुनाव है और राजनीतिक रूप से यह देश का सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश माना जाता है.

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बंगाल का प्रतिनिधित्व आएगा नजर ? : सूत्रों की मानें तो, पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व भी इस विस्तार में बढ़ सकता है. माना जा रहा है कि भाजपा की सहयोगियों जदयू और अपना दल (एस) को भी प्रतिनिधित्व पीएम मोदी अपनी कैबिनेट में दे सकते हैं. यहां चर्चा कर दें कि आरपीआई नेता राम दास आठवले इकलौते ऐसे गैर भाजपाई नेता हैं जो नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल हैं. यदि आपको याद हो तो लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान का पिछले साल निधन हो गया था और ऐसे में सबकी नजरें इस ओर हैं कि उनके भाई पशुपति कुमार पारस को मंत्री बनाया जाता है या नहीं…बिहार की पार्टी लोजपा में इन दिनों घमासान चल रहा है. पारस और उनके भतीजे चिराग पासवान की अगुवाई वाले दो गुटों में बंट चुकी है.

नियमानुसार अधिकतम मंत्रियों की संख्या 81 : उल्लेखनीय है कि मौजूदा मंत्रिपरिषद में कुल 53 मंत्री हैं और नियमानुसार अधिकतम मंत्रियों की संख्या 81 हो सकती है.

इन्हें मिल सकती है जगह : महाराष्ट्र से शिवसेना से भाजपा में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे, असम से पूर्व मुख्यमंत्री सरवानंद सोनोवाल और बिहार भाजपा से सुशील मोदी को प्रधानमंत्री जगह दे सकते हैं. यूपी की बात करें तो यहां से तीन से चार मंत्री शामिल किए जा सकते हैं. जिसमें अपना दल से अनुप्रिया पटेल को जगह मिलने कि उम्मीद है. बिहार की बात करें तो यहां जेडीयू से आरसीपी सिंह, संतोष कुशवाहा या ललन सिंह में किसी एक को पीएम मोदी अपनी कैबिनेट में शामिल कर सकते हैं.

मध्य प्रदेश और महाराष्‍ट्र : मध्य प्रदेश पर सबकी नजर टिकी हुई है. यहां से कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम पक्का माना जा रहा है. यही नहीं यहां से भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और जबलपुर के सांसद राकेश सिंह का नाम भी सुर्खियों में है. महाराष्ट्र की बात करें तो यहां से कांग्रेस से भाजपा में आए रणजीत नाइक निम्बलकर और हिना गावित का नाम मोदी कैबिनेट में नजर आ स‍कता है.

असम और पश्चिम बंगाल : असम और पश्चिम बंगाल के भी चेहरे इस बार कैबिनेट में नजर आ सकते हैं. सहयोगी एजीपी से भी कोई मंत्री बन सकता है. पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय के शान्तनु ठाकुर का नाम सामने आ रहा है. वहीं अनुसूचित जाति में असर रखने वाले निशीथ प्रामाणिक को मंत्री प्रधानमंत्री बना सकते हैं.

Posted By : Amitabh Kumar

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