छत्तीसगढ़ हमले में 22 जवान शहीद हुए
2010 में पहली बार मिली थी हिडमा के बारे में जानकारी
2013 में कांग्रेस नेताओं पर हुए हमले में भी शामिल
छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले जिसमें 22 जवान शहीद हुए हैं उसके मास्टरमाइंड के रूप में खूंखार नक्सली नेता माड़वी हिडमा का नाम सामने आ रहा है. इस हमले ने इस दरिंदे को एक बार फिर लाइमलाइट में ला दिया है.
गौरतलब है कि पिछले शनिवार को सीआरपीएफ ने हिडमा को गिरफ्तार करने के लिए ही आॅपरेशन चलाया था, लेकिन यह ऑपरेशन दुर्भाग्यपूर्ण साबित हुआ और इसमें 22 जवानों की मौत हुई. इकोनाॅमिक्स टाइम्स में छपी खबर अनुसार पुलिस कई वर्षों से हिडमा की तलाश में जुटी है.
हिडमा वर्षों से सुरक्षा बलों के निशाने पर है और उसकी तलाश सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं. हिडमा माओवादी संगठन का नेता है. वह नक्सलियों की गुरिल्ला आर्मी का सरगना रह चुका है. हिडमा छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदाय से आता है और वह 40-45 वर्ष का है.
छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने आज बताया कि बीजापुर नक्सल हमले का मास्टरमाइंड हिडमा है. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि हिडमा उस इलाके में है, इसलिए उसके खिलाफ आॅपरेशन चलाने के लिए बड़ी संख्या में जवानों को भेजा गया, लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली और 22 जवान शहीद हो गये. अधिकारियों ने बताया कि यह इलाका नक्सलियों के प्रभाव वाला है और काफी दुर्गम है, जिसके कारण यहां पुलिस का पहुंचना मुश्किल था, लेकिन पुलिस वहां पहुंच रही है और इस हमले के बाद भी हमारा मनोबल नहीं गिरा है.
2010 में मिली थी हिडमा के बारे में जानकारी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सली कमांडर हिडमा के बारे में सबसे पहले साल 2010 में ताड़मेटला की घटना के बाद जानकारी मिली थी. इस घटना में 76 जवान शहीद हुए थे. हिडमा ने उस हमले में नक्सली नेता पापा राव की मदद की थी. 2013 में कांग्रेस की पदयात्रा पर हुए हमले में भी हिडमा शामिल था. यह हमला बस्तर जिले में हुआ था जिसमें विद्या चरण शुक्ल सहित कई और नेताओं की मौत हुई थी.
Posted By : Rajneesh Anand