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Manipur Violence: मणिपुर के दो जिलों में फिर भड़की हिंसा, दो लोगों की मौत

घटना इंफाल पश्चिम जिले से सटे लमशांग इलाके के कडांगबंद गांव के पास स्थित शिविर में हुई. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, अज्ञात बंदूकधारियों के हमला करने के बाद, ग्रामीण स्वयंसेवकों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दो ग्रामीण स्वयंसेवक की मौत हो गई.

मणिपुर में मंगलवार को एक बार फिर से हिंसा भड़कने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है, तो गुटों के बीच गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई है. पुलिस ने जो जानकारी दी है, उसके अनुसार मणिपुर के कांगपोकपी जिले में एक शिविर पर अज्ञात बंदूकधारियों के हमले में ग्रामीण स्वयंसेवक की मौत हो गई.

लमशांग इलाके के कडांगबंद गांव में भड़की हिंसा

घटना इंफाल पश्चिम जिले से सटे लमशांग इलाके के कडांगबंद गांव के पास स्थित शिविर में हुई. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, अज्ञात बंदूकधारियों के हमला करने के बाद, ग्रामीण स्वयंसेवकों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दो ग्रामीण स्वयंसेवक की मौत हो गई. जवाबी कार्रवाई के बाद पीछे हटे हमलावर दोबारा इकट्ठा हुए और फिर से हमला किया.

गोलीबारी के बाद महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सुरक्षित इलाकों की ओर भागे

पुलिस अधिकारियों ने बताया, गोलीबारी शुरू होने के बाद कडांगबंद और पड़ोसी कौट्रुक गांव की कई महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सुरक्षित इलाकों की ओर भाग गए. अधिकारी ने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को इलाके में भेजा गया है. घायल व्यक्ति को इंफाल के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाया गया है.

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मणिपुर में 3 मई को भड़की थी हिंसा, 180 से अधिक लोगों की हो चुकी है मौत

मणिपुर में पिछले साल 3 मई को पहली बार हिंसा भड़की थी. जिसके बाद अबतक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि तीन हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं. राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय एक-दूसरे की जान के दुश्मन बने हुए हैं. मैतेई आरक्षण की मांग कर रही है, तो कुकी समुदाय के लोग इसका विरोध कर रहे हैं.

खरगे ने गृह मंत्री को लिखा पत्र

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर की पार्टी इकाई के अध्यक्ष के साथ पिछले दिनों कथित तौर पर हुई मारपीट की घटना का हवाला देते हुए शनिवार 27 जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा और आग्रह किया कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में लोकतंत्र एवं कानून व्यवस्था की बहाली के लिए उचित कदम उठाए जाएं. खरगे ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के लिए पिछले दिनों मणिपुर के अपने दौरे का उल्लेख करते हुए कहा कि मणिपुर का समाज पूरी तरह से बंट गया है तथा वहां लोगों को राहत, शांति और न्याय के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

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