Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे 45 दिनों तक महाकुंभ का भव्य आयोजन बुधवार को महाशिवरात्रि के साथ समाप्त हो गया है. 13 जनवरी से प्रारंभ हुआ यह विशाल धार्मिक समागम विश्वभर से श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहा, जिसमें लगभग 66.30 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई. इस ऐतिहासिक आयोजन का अंतिम स्नान पर्व बुधवार को संपन्न हुआ, जिसमें अकेले महाशिवरात्रि के दिन 1.53 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया.
15,000 सफाईकर्मियों ने निभाई अपनी भूमिका
महाकुंभ के आयोजन में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया, जिसमें 15,000 सफाईकर्मियों ने लगातार चौबीसों घंटे काम किया है. हालांकि, मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ की घटना ने कुछ समय के लिए आयोजन की छवि को प्रभावित किया, जिसमें 30 लोगों की जान चली गई. बावजूद इसके, श्रद्धालुओं की आस्था पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा और उनका आगमन जारी रहा.
इस मेले में कई प्रमुख हस्तियों ने भी भाग लिया, जिनमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल थे. इसके अलावा, फिल्म जगत, खेल जगत, और उद्योगपतियों ने भी इस धार्मिक समागम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। महाकुंभ के दौरान अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग भी किया गया, जैसे एआई कैमरे और एंटी-ड्रोन सिस्टम, ताकि सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा सके.
कुंभ के दौरान दिखे की विवाद
महाकुंभ के दौरान विवाद भी उठे, जैसे फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी का महामंडलेश्वर बनना और गंगा जल की शुद्धता को लेकर उठे सवाल. हालांकि, सरकार ने गंगा जल की शुद्धता की पुष्टि की और विवादों को शांत करने का प्रयास किया. इसके अतिरिक्त, विपक्षी दलों ने भगदड़ की घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा, जबकि सरकार ने श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर एआई कैमरों के आंकड़ों को सही बताया.
योगी आदित्यनाथ ने रखी पैनी नजर
महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण रही, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 45 दिनों में 10 बार महाकुंभ नगर का दौरा किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने लखनऊ और गोरखपुर से भी नियंत्रण कक्ष से मेले की गतिविधियों पर नजर रखी.
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